बिक रहा रामा कुंज-कांप रहे अफसर

बिक रहा रामा कुंज-कांप रहे अफसर
Share

बिक रहा रामा कुंज-कांप रहे अफसर,  मेरठ / ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के इंतजार में सोफीपुर मरघट में भूमाफिया अनिल चौधरी के अवैध मार्केट रामा कुंज की दुकानें बिकने लगी हैं, लेकिन मेडा अफसर अभी नींद में नजर आते हैं। जिस मार्केट को अब तक ध्वस्त कर दिया जाना था वहां पर भूमाफिया ने रंगाई पुताई के बाद दुकानों पर शटर लगा दिए और अब उन्हें बेचने का सिलसिला शुरू हो गया है। आसपास के लोगों ने बताया कि रामा कुंज की काफी दुकानें बिक भी गई हैं। सोफीपुर के इस अवैध मार्केट को लेकर अफसर अंजान हो इस पर यकीन करना मुश्किल है। पब्लिक डोमेन और खासतौर से प्राधिकरण के स्टॉफ के बीच रामा कुंज के अवैध निर्माण के शुरू होने से लेकर बीच में इसका काम रुकवा देने और फिर भूमाफिया द्वारा तेजी से काम खत्म करा देने यानि वहां रंगाई पुताई व शटर लगवा देने और अब दुकानों की बिक्री सब कुछ जग जाहिर है। ऐसा नहीं माना जा सकता कि मेडा के उच्च पदस्थ वो चाहें उपाध्यक्ष या फिर सचिव अथवा जोनल अधिकारी इससे अंजान हों। आॅफिस में बैठने वाले अफसर अनभिज्ञ हों यह माना जा सकता है, लेकिन जोन के जेई और मेट वो अंजान होंगे यह बात किसी के भी गले नहीं उतरेगी।
योगी सरकार को राजस्व का भारी नुकसान
सोफीपुर के अवैध रामा कुंज मार्केट से सूबे की योगी सरकार को राजस्व का भारी नुकसान पहुंचाया गया है। मरघट के बराबर में जहां चारों ओर खेत हैं यदि नियमानुसार मार्केट बनाया जाता है तो इससे सरकार को अच्छा खासा राजस्व मिलता। उपजाऊ खेती योग्य जमीन जहां अवैध रामा कुंज मेडा अफसरों को चिढ़ाता हुआ नजर आ रहा है, उस जगह का भू-उपयोग परिवर्तित कराया जाता तो सरकारी खजाने को राजस्व मिलता। लेकिन भूमाफिया ने भूउपयोग बदलवाया ही नहींं। मेडा से मानचित्र स्वीकृत कराया जाता तो भी राजस्व मिलता, लेकिन मेडा अफसर रामा कुंज के अवैध निर्माण का तमाशा तो देखते रहे, लेकिन इसका मानचित्र स्वीकृत न कराए जाने पर जो कार्रवाई की जानी चाहिए थी वो नहीं की। नियमानुसार यदि सब काम होता तो फायर एनओसी से लेकर अन्य जितने भी कार्य होते हैं वो सभी यदि कानून कायदे को मानते हुए कराए जाते तो सभी से भारी भरकम राजस्व सरकार को मिलता, लेकिन लगता है कि अवैध रामा कुंज से हुई राजस्व की हानि को लेकर भी अफसर गंभीर नहीं। रामा कुंज की बदौलत भूमाफिया की खजाने का साइज तो बढ़ा यह बात अलग है कि सूबे की योगी सरकार के राजस्व मेें एक पाई नहीं आयी। इसके लिए रामा कुंज अवैध मार्केट बनाने वाला भूमाफिया नहीं बल्कि मेडा के वो अफसर जिम्मेदार हैं जिन्हें योगी सरकार ने मेरठ में अवैध निमार्णों पर कार्रवाई करने या फिर उनसे कंपाउंडिंग की रकम वसूल कर सरकारी खजाने की सेहत को ठीक करने को भेजा है, लेकिन ऐसा हो न सका।

भाजपा का बड़ा जाट चेहरा व ईमानदार छवि वाले एक पूर्व मंत्री की साख पर बट्टा

मेरठ
रामा कुुंज सोफीपुर का अवैध निर्माण तथा रुडकी रोड स्थित श्रीराम प्लाजा कांप्लैक्स की वाहन पार्किंग के लिए छोड़ी गई बेसमेंट में दुकानें बनकर बेच देने वाला भूमाफिया अनिल चौधरी वेस्ट यूपी में भाजपा का बड़ा जा चेहरा व बेदाग-ईमानदार छवि वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा सांसद के नाम पर भी बट्टा लगा रहा है। संगठन व समाज में यह भूमाफिया पूर्व केंद्रीय मंत्री की छवि को तार-तार करने पर तुला हुआ है। अनिल चौधरी के करीबी लोगों ने बताया कि रामा कुंज बनाने वाला यह भूमाफिया भाजपा के एक पूर्व मंत्री के नाम को कैश करता है। सुनने में तो यहां तक आया है कि वेस्ट यूपी में भाजपा के इस बडेÞ जाट नेता का करीबी होने का दम भरते हुए अफसरों को प्रभाव में लेने से भी नहीं चूकता। वहीं दूसरी ओर भाजपा की यदि बात करें तो संगठन में तमाम बडेÞ नेता यह मानते हैं कि इस भूमाफिया ने पूर्व केंद्रीय मंत्री की साख का अनेक बार बट्टा लगाने व नाजायज फायदा उठाने का काम किया है। संगठन के कुछ लोगों का यह भी मानना है कि साफ सुथरी व ईमानदार छवि के पूर्व मंत्री को संभवत: भूमाफियाओं के इस प्रकार के कार्य की भनक तक नहीं कि यह किस प्रकार से उनके नाम व छवि को दागदार करता रहा है। लोगों का तो यहां तक कहना है कि ऐसा नहीं कि कुछ अफसरों को इसकी इस शर्मसार करने वाले हरकत की जानकारी नहीं लेकिन इसके बाद भी यदि अफसर भूमाफिया के अवैध निर्माण ध्वस्त में संकोच बरत रहे हैं तो फिर उनकी भूमिका भी जांच के दायरे में आ सकती है।

@Back Home


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *