रामा कुंज-राधा कुंज-फाइलों में कार्रवाई

रामा कुंज-राधा कुंज-फाइलों में कार्रवाई
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रामा कुंज-राधा कुंज-फाइलों में कार्रवाई,

रामा कुंज अवैध मार्केट बाद लावड़ रोड पर आ गयी अवैध कालोनियों व निर्माण की बाढ़

मेरठ । मेडा (मेरठ विकास प्राधिकरण) के जोन-बी स्थित हिन्दू शमशान घाट से सटाकर अवैध रामा कुंज के बनने के बाद इस पूरे इलाके में अवैध निर्माणों की बाए़ आयी हुई हैं। मेडा के उच्च पदस्थ अधिकारियों को या तो रामा कुंज व राधा कुंज सरीखे अवैध निर्माणों का इलम नहीं  और जब इन पर जेसीबी की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नही की जा रही है तो पूछा जाने लगा है, यहां तक कि प्राधिकरण के स्टॉफ में भी इस बात की सुगबुगाहट है कि क्या रामा कुंज व राधा कुंज के बिल्डर से टेबल के नीचे मामला सेटल हो गया है। इस तरह की बातें इसीलिए की जा रही है कि सब कुछ बेपर्दा होने के बाद भी कार्रवाई के नाम पर मेडा के अफसरों के हाथ-पांव कांपते नजर आ रहे हैं। आम धारणा अब यह हो गयी है कि गांव देहात खासतौर से मवाना रोड सरीखे मवाना आदि इलाकों में जहां अंडर टेबल सेटिंग नहीं हो पा रही है, वहां पर मेडा की जेसीबी खूब गरज रही है। लेकिन ऐसा क्या है जो मेडा के अफसरों को जोन बी में रामा कुंज व राधा कुंज सरीखे अवैध निर्माण नजर नहीं आ रहे हैं। जानकारों का कहना है कि राम कुंज के नाम से अवैध रूप से दुकानें के बनने के बाद ही जोन बी खासतौर से लावड़ रोड, सोफीपुर, कैश कालेज के आसपास, एकता नगर व रुडकी रोड सरीखे इलाकों में अवैध निर्माणो की बाढ़ आयी हुई है। इन्हें रोकने के लिए पारदर्शी कार्रवाई की गई हो, ऐसा अवैध निर्माणों के खिलाफ आवाज उठाने वालों को याद नहीं आता।

फाइलों में तक सीमित कार्रवाई-

रामा कुंज का काम रूकवाया दुकानों की सेल नहीं

ऐसा नहीं कि मेडा अफसरों को रामा कुंज या राधा कुंज सरीखे अवैध निर्माणों पर कार्रवाई का इलम नहीं है। इलम भी और कार्रवाई की भी जा रही है, लेकिन यह कार्रवाई मौके पर जाकर करने के केवल फाइलों में कैद होकर रह जा रही है। बकौल जोन अधिकारी अर्पित यादव रामा कुंज का काम रूकवा दिया गया है, लेकिन इलाके के लोगो की मानें तो वहां बिल्डर धडल्ले से दुकानों को सौदा कर रहा है। 

राधा कुंज गेट से आगे नहीं बढी जेसीबी

मेडा के जोन बी लावड़ रोड पर रामा कुंज की तर्ज पर राधा कुंज के नाम से अवैध कालोनी बनायी गयी है। केवल कालोनी नहीं बल्कि यहां कालोनी के गेट पर बड़ा मार्केट भी बनाया गया है। रही कार्रवाई की बात तो मेडा की जेसीबी भी आयी थी और कार्रवाई के नाम पर गेट की दीवार भी गिरायी थी। मेडा की जेसीबी राधा कुंज के गेट से आगे नहीं बढ़ सकी थी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कार्रवाई क्यों नहीं की गयी।

नसीहतों पर अमल से परहेज

सिविल लाइन स्थित मेरठ विकास प्राधिकरण के गेट पर बहुत बड़ी स्क्रिन लगाकर मेड उपाध्यक्ष के हवाले से हर वक्त एक संदेश चलता रहता है जिसमें कहा जाता है कि अवैध कालोनियों में दुकान मकान ना खरीदे जाएं। इन्हें ध्वस्त किया जाए। मेडा की संपत्तियां सुरक्षित हैं सुविधाओं से पूर्ण है। उन्हें खरीदें। तमाम अवैध निर्माण व कालोनियां ध्वस्त की जाएंगी। लेकिन इस संदेश पर जब जोन बी राधा कुंज व रामा कुंज तथा इनसे सटी अवैध कालोनियां पर कार्रवाई की बारी आती है तो अफसरों की सांसें फूल गयी नजर आती हैं।

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