कोर्ट का आजम खान की रिहाई का फरमान, जैसी उम्मीद की जा रही थी सुप्रीम कोर्ट ने सपा नेता आजमखान को रिहा करने का हुकूम सुना दिया है. हालांकि इसके लिए कुछ कानूनी प्रक्रिया होनी अभी बाकि है। उन्हें अंतरिम जमानत दे दी गयी है. आजम खान को उत्तर प्रदेश के रामपुर में दर्ज एक मामले के संबंध में अंतरिम जमानत पर जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया है. न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति बोपन्ना की सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ ने आजम खान को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. साथ ही बेंच ने उन्हें स्थानीय (निचली) अदालत के समक्ष दो सप्ताह की अवधि के भीतर नियमित जमानत के लिए आवेदन करने की भी अनुमति दी है. ये भी अहम है की आज दी गई अंतरिम जमानत उस समय तक लागू रहेगी जब तक नियमित जमानत आवेदन पर निर्णय नहीं हो जाता. सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान द्वारा की गई अंतरिम जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था, जो न्यायिक हिरासत में हैं. खंडपीठ ने इससे पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा आजम खान की जमानत के मामले में फैसले की घोषणा में लंबे समय से देरी पर नाराजगी जाहिर की थी. आज़म खान के खिलाफ 89 केस दर्ज हैं. वह फरवरी 2020 से सीतापुर की जेल में बंद हैं, अब और फिलहाल रिहाई का रास्ता साफ हो गया है. पिछली सुनवाई पर उत्तर प्रदेश राज्य की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू द्वारा यह दलील दी गई थी की आजम ने जांच अधिकारी को धमकी दी थी, जबकि उस समय जांच अधिकारी उनके बयान दर्ज कर रहे थे. उनके द्वारा यह भी दलील दी गई की खान एक आदतन अपराधी और जमीन कब्जाने वाले हैं. आजम खान की रिहाई के खिलाफ जो भी दलीलें दी गयी अदालत ने उन्हें एक सिरे से खारिज कर दिया। इतना ही कुछ गंभीर सवाल भी खड़े किए.