बिजली कनेक्शन के नाम पर सौ करोड़ का चूना

बिजली कनेक्शन के नाम पर सौ करोड़ का चूना
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बिजली कनेक्शन के नाम पर सौ करोड़ का चूना,

मेरठ में अवैध कालोनियों को बिजली के कनेक्शन देने के नाम पर तमाम अफसर कुछ ठेकेदारों से मिलकर जो रकम सरकारी खजाने में जानी चाहिए उसमें बैरियर डालकर अपनी तिजारी भरने में लगे हैं। इसके लिए कागजों में हेराफेरी तक से बाज नहीं आ रहे हैं। यह केवल मेरठ ही नहीं प्रदेश भर में बड़े स्तर पर चल रहा है, लेकिन जिस सौ करोड़ी चूने की बात की जा रही है वो केवल मेरठ के संदर्भ में है। अवैध कालोनियों को कनेक्शन देने के नाम पर इस खेल कई अफसरों के शामिल होने की चर्चा है। सूत्रों ने जानकारी दी है कि बिजली महमे में इस खेल के माहिर अपनी गर्दन और हाथ बचाकर इतनी सफाई से उच्च पदस्थ की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रहे हैं कि किसी को कानों कान इस खेल की भनक तक नहीं लगाने दी जाती। ऐसे अफसर केवल महकमे को ही चूना नहीं लगा रहे बल्कि सूबे की  योगी सरकार के दूसरे विभागों के लिए भी मुसीबत खड़ी कर रहे हैं।

लोड कम दिखाने के लिए ये होता है खेल

अवैध कालोनियों को बिजली कनेक्शन के मामलों की यदि जांच हो जाए तो बड़ी संख्या में एक्सीयन, एसडीओ व जेई सरीखे बिजली विभाग के अधिकारियों के हाथाें में हथकड़ी होंगी। सूत्र बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में मेरठ में बड़ी तेजी के साथ शहर की हरियाली को खत्म करते हुए कृषि भूमि, सरकारी पट्टो आदि पर अवैध  कॉलोनियां विकसित कर दी गई हैं, जिनको कनेक्शन देने के नाम पर करीब सौ करोड़ माना जा रहा है घोटाला किया जा चुका है। बताया जाता है कि इस खेल के माहिर अधिकारी  जब किसी अवैध  कालोनी को बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन लेते हैं तो आवेदन करने वाले भूमाफिया को एक बात कर ली जाती है कि जिस प्रकार के कहेंगे उसी प्रकार के कागज पेश करने होंगे। इसके लिए पहला काम अवैध कालोनी के मूल नक्शे से छेड़छाड़ कर  एक फर्जी नक्शा तैयार किया जाता है जिसमे कालोनी मे प्लॉटिंग एरिया को एडिट करके कई सारे फर्जी पार्क दिखा दिये जाते है, सड़के चोड़ी करके दिखाई जाती हैं और वास्तविक जमीन को भी कम कर दिया जाता है जिससे कालोनी का लोड आधे से भी कम कर दिया जाता है, जिस कालोनी मे 5 ट्रांसफॉरमर लगने चाहिये थे उसे मात्र दो ट्रांसफॉरमर मे ही उर्जीकृत कर दिया जाता है अर्थात जिस कालोनी का एस्टिमेट विभाग मे 60 लाख जमा होना चाहिए उसमे मात्र 25 लाख का एस्टिमेट जमा कराया जा रहा है जिससे विद्युत विभाग को हर महीने करोड़ो रूपये के राजस्व की हानि हो रही है|

1000/KVA की चल रही है रिश्वत

कॉलोनी के विद्युतीकरण में इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए जेई से लेकर चीफ तक 1000/KVA के हिसाब से रिश्वत ली जा रही है जिसमे जिसमें मुख्य भूमिका कुछ दलालों की है जो स्वयं को ठेकेदार बताते हैं जबकि ना तो उनके पास विद्युत सुरक्षा का ए क्लास लाइसेंस है ना ही वे विभाग से ऑथराइज्ड ठेकेदार हैं| यह घोटाला मेरठ की हर डिविजन/सबडिवीजन में किया जा रहा है जबकि मेडा के वर्तमान उपाध्यक्ष अभिषेक पांडे कई बार अनअप्रूव्ड कॉलोनी में कनेक्शन न दिए जाने के लिए ऊर्जा विभाग को पत्र लिख चुके हैं|

ऐसे होता है घोटाला

कॉलोनी के वास्तविक नक्शे के साथ छेड़छाड़ करते हुए जहां पर प्लॉट कटे हुए होते हैं वहां पर नक्शे में पार्क दिखा दिए जाते हैं,10 मीटर की सड़क को 20 मीटर की सड़क दिखा दिया जाता है और वास्तविक क्षेत्रफल को भी नक्शे पर कम करके लिखा जाता है,इसी के एवज में नक्शे को पास करने के लिए लाखों रुपए की रिश्वत दी जाती है।

इन कालोनियों की करा ले एमडी जांच

अवैध कालोनियों को कनेक्शन में खेल का खुलासा करने वाले सूत्रों ने जानकारी दी है कि पूरे जनपद में करीब एक हजार से ज्यादा ऐसी कालोनियां हैं जिनका एरिया कागजों में कम दर्शाकर खेल किया गया है महकमे को चूना लगाया गया है। जितना लोड चाहिए उतना नहीं दिखाया गया। लोड कम दिखाकर बिल्डर को राहत देते हुए ट्रांसफार्मरों की संख्या घटा दी जाती है। जहां पांच ट्रांसफार्मर अनिवार्य रूप से लगने चाहिएं वहां दो ही ट्रांसफार्मर लगवाए जाते हैं। नीचे कुछ कालोनियों के नाम दिए गए हैं यदि इनकी जांच करा ली जाए तो खुल का खुलासा हो जाएगा। जिन कालोनियों की जांच की बात कही जा रही है उनमें :-

पल्लवपुरम फेस 2 स्थित कालोनी उदय कुंज एक्सटेंशन, बिल्डर अनिल चौधरी, EDD3

सिवाया ग्राम स्थित कालोनी गणपति पार्क, बिल्डर विक्रांत चौधरी, EDD3

दुलहेड़ा ग्राम स्थित कान्हा कुंज EDD 3
कालोनी कृष्णा कुंज, बिल्डर चाँदवीर EUDD4

मवाना रोड स्थित कालोनी जेपी रेसीडेंसी, बिल्डर अनुराग अग्रवाल EUDD4

लावड रोड स्थित कालोनी गार्डन सिटी EDD 2,

सौफीपुर स्थित कालोनी रामा कुंज बिल्डर अनिल चौधरी EUDD 4

सुभारती के पास स्थित वसंत कुंज EDD1

मोदीपुरम स्थित एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के पीछे श्रीराम वाटिका EUDD4

अरविंद मलप्पा बंगारी ने किया था खेल का खुलासा

पूर्व में पीवीवीएनएल के एमडी अरविंद मलप्पा बंगारी ने लोड के खेल का खुलासा किया था।  बिजली कंपनी को लगातार करोड़ों का चूना लगाने वालों पर शिकंजा कसा दिया था। मामला ग्रेटर नोएडा से जुड़ा था जिसमें  बिल्डर अस्थाई बिजली कनेक्शन और लोड के नाम पर खेल कर रहे थे,  ऐसे ही एक और मामले में नोएडा में ही  बिजली कंपनी के इंजीनियरों और बाबूओं के साथ मिलकर करोड़ों रुपये का हेरफेर किया जा रहा था उस मामले में तब  कई इंजीनियर और बाबूओं को निलंबित कर दिया गया था।  फर्जीवाड़े की जांच के आदेश भी दे दिए गए, ताकि बड़े खेल का खुलासा हो सके, लेकिन बाद में अरविंद मलप्पा बंगारी का यहां से तवादला हो गया। उस दौरान एमडी  अरविंद मलप्पा बंगारी की टीम ने नोएडा की एक सोसाइटी में छापा मारा था. छापे के दौरान टीम को बड़ी बिजली चोरी होते हुए मिली थी. बिजली चोरी भी अलग तरीके से की जा रही थी. हालांकि कालोनियों में इस प्रकार का खेल आम बताया जाता है। सूत्रों ने जानकारी दी है कि ऐसे मामले पहले कई बार सामने आ चुके हैं। पूर्व में नोएडा के   सेक्टर-79 स्थित हिलसन सोसाइटी में टीम ने 50 किलोवाट के अस्थाई कनेक्शन पर 750 किलोवाट की बिजली सप्लाई पकड़ी थी। 

वर्जन

इस संबंध में चीफ धीरज सिन्हा का कहना है कि कि यदि कोई कालोनी अवैध है तो उस पर कार्रवाई की जिम्मेदारी मेरठ विकास प्राधिकरण की है। मेडा के अफसर जब किसी अवैध कालोनी पर कार्रवाई कर देंगे तो वह कालोनी खुद ही खत्म हो जाएगी और बिजली का कनेक्शन भी खुद ही हट जाएगा।

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