आर्थिक व सामाजिक गैरबराबरी दूर हो, दिल्ली के विज्ञान भवन में रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि पर आयोजित सामाजिक न्याय सम्मेलन में आर्थिक व समाजिक गैरबराबरी दूर करने पर बल दिया। राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी जयन्त सिंह ने कहा कि जातिगत जनगणना जब तक नहीं होगी तब तक देश में बराबरी नहीं आएगी। उन्होंने आगे कहा, “2019 तक 3 सबसे बड़े चेंबर में 17 हजार 788 कंपनियों में सिर्फ 19 प्रतिशत कारोबारी ऐसे थे। जो कहते थे कि हाँ, हम चाहते हैं कि एससी/एसटी को हमारी कंपनियों में ज्यादा नौकरियां मिलनी चाहिए। कई अध्ययन हैं, जो बता रहे हैं कि गांव- देहात के और पिछड़े वर्ग के, वंचित समाज के लोग, प्राइवेट सेक्टर में उनकी गिनती नहीं है। पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीकांत जेना के प्रस्ताव को सभी दलों से मौजूद लोगों ने समर्थन दिया। इसको लेकर सड़क से संसद तक लड़ने की बात कही। सम्मेलन की प्रमुख बातों में एक नई आर्थिक नीति लागू करना, जो पूँजी-निर्माण की जगह रोजगार-सृजन केन्द्रित हो और जो हमारे कृषि क्षेत्र तथा लघु एवं मध्यम व्यवसायों (उद्योगों) को प्रोत्साहित करे, जिनकी नोटबंदी और कोविड-19 की महामारी के बाद बहुत क्षति हुई है। इसमें एम0एस0पी0 पर स्वामीनाथन आयोग की अनुशंसाओं को लागू करने के साथ ही सरकारी निविदाओं, नीलामियों और ठेकों में लघु एवं मध्यम व्यवसायियों – जिन्हें आज मुट्ठीभर मित्रवत कारपेरेट्स (बड़े घरानों) के चलते बाहर कर दिया गया है, की भागीदारी सुनिश्चित करना भी शामिल है। सम्मेलन में शरद यादव – पूर्व केन्द्रीय मंत्री, चौधरी जयन्त सिंह – अध्यक्ष राष्ट्रीय लोकदल, के0 सी0 त्यागी- पूर्व सांसद एवं महासचिव जनता दल (यू), श्रीकांत जेना- पूर्व केन्द्रीय मंत्री, सोमपाल शास्त्री -पूर्व केंद्रीय मंत्री, संजय सिंह – सांसद एवं महासचिव, आप, श्रीमती सुभाषिनी अली – पूर्व सांसद एवं सी0पी0आई0(एम0), डा0 योगानन्द शास्त्री – पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दिल्ली सरकार, श्री मुखेन्दु शेखर रॉय- सांसद टी.एम.सी., श्री मनोज झा- सांसद आर0जे0डी0, प्रद्योत विक्रम माणिक्य देवब्रमा – अध्यक्ष टि0आई0पी0आर, त्रिपुरा, श्रीमती कृष्ण पटेल – अध्यक्ष अपना दल (के), त्रिलोक त्यागी – महासचिव राष्ट्रीय लोकदल एवं डा0 यशवीर सिंह – महासचिव राष्ट्रीय लोकदल और प्रशांत कनौजिया -राष्ट्रीय अध्यक्ष एससीएसटी सेल राष्ट्रीय लोकदल नेें अपने विचार व्यक्त किये।