NGT के नोटिस ने तोड़ी अफसरों की नींद,
मेरठ/एनएच-58 हाइवे के खड़ौली क्षेत्र से होकर गुजरने वाले सलावा रजवाहा व एनएच-58 हाइवे रोहटा रोड फ्लाई ओवर की सर्विस रोड पर समेत सलावा रजवाहे पर पठानपुर तक दर्जन भर से ज्यादा कब्जे की बात को स्वीकार करने वाले सिंचाई विभाग के अधिकारी नोटिसों से आगे कभी नहीं बढ़े।
दरअसल हाइवे के खड़ौली के होटलों समेत तमाम कालोनी काटने वालों तथा अन्य लोगों द्वारा किए गए कब्जों को लेकर जनवाणी ने जब प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया तो तत्कालीन जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग व तहसील के अधिकारियों से जवाब तलब कर लिया था।
4 अगस्त 2024 को अधिशासी अभियंता मेरठ खंड गंगा नहर मेरठ ने डीएम को अवगत कराया कि अतिक्रमण करने वालों को नोटिस दिए जा रहे हैं। एसएसपी से पुलिस बल मांगा गया है। पुलिस बल मिलते ही कार्रवाई की जाएगी।
1 सितंबर 2024 को तहसील के लेखपाल अब्दुल रहमान ने अपनी रिपोर्ट में जांच व स्थलीय निरीक्षण में राजस्व ग्राम मुरलीपुर गुलाब के रकबे में कालोनी का रास्ता व पार्क की बात स्वीकार की। लेकिन साथ ही यह भी बताया कि सरकारी जमीन के बदले कालोनाजर ने अपनी निजी जमीन का विनिमय किए जाने की जानकारी दी है।
5 सितंबर 2024 अधिशासी अभियंता मेरठ खंड गंगा नहर ने को तत्कालीन डीएम को भेजी गई रिपोर्ट में बताया है कि सामाजिक कार्यकर्ता दुष्यंत रोहटा ने शिकायत की थी कि पठानपुर नाला पर अवैध कब्जा व सरकारी चकरोड पर अवैध कब्जा किया जा रहा है। अधिशासी अभियंता ने पत्र में कहा है कि उक्त खंड के सहायक अभियंता चतुर्थ मेरठ खंड गंगा नहर मेरठ द्वारा अवगत कराया गया। संबंधित जिलेदार को दोषी पर एफआईआर दर्ज कराने रजिस्टर्ड डाक से पत्र भेजा। सीओ दौराला को मामले से अवगत कराया। इससे पहले 2 सितंबर को विभागीय दस्ता हाइड्रा बेकर मशीन के साथ अवैध पुलिया को ध्वस्त करने गया था। लेकिन अवैध निर्माण करने वाले व उसके समर्थकों ने कार्रवाई शुरू होने से पहले ही वहां से भगा दिया।
खुद को क्लीनचिट
इस सारे मामले का लबोलुआब यह है कि सिंचाई विभाग के अफसरों व तहसील के लेखपाल ने डीएम के समक्ष अवैध कब्जे की बात को स्वीकार किया है। सिंंचाई अफसरों ने स्वीकार है कि रजवाहे पर कब्जा कर वहां पक्का निर्माण कर पुलिस बना दी गयी है। लेकिन यह नहीं बताया कि मुकदमा दर्ज करने के दी गई तहरीर का क्या हश्र हुआ। आरोपी पर मुकदमा लिखा गया या नहीं। यदि नहीं तो मुकदमा दर्ज कराने के लिए पुलिस के किन अधिकारियों से आग्रह किया गया। यदि मुकदमा दर्ज हुआ तो आरोपी की जमानत ना हो इसके लिए क्या। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता 02 सितंबर 2024 को विभागीय दस्ता हाइड्रा बेकर मशीन के साथ अवैध पुलिया को ध्वस्त करने गया था। लेकिन अवैध निर्माण करने वाले व उसके समर्थकों ने कार्रवाई शुरू होने से पहले ही वहां से भगा देने की बात अपने पत्र में कह रह हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि सरकारी काम में बाधा की रिपोर्ट आरोपियों के खिलाफ दर्ज करायी या नहीं।
नोटिस के बाद मातहतों पर ठिकरा
एनजीटी के नोटिस के बाद अब सिंचाई विभाग, मेरठ विकास प्राधिकरण व एनएचएआई के अफसर मातहतों पर ठीकरा फोड़ रहे हैं। सूत्रों ने जानकारी दी है कि इस मामले में एनएचएआई न आनन-फानन में सर्विस रोड पर अवैध कब्जे को लेकर अपने किसी दूसरे अनुभाग को कार्रवाई के लिए रेफर किया है। सिंचाई विभाग और मेडा के दस्ते के मौके पर मुआयना किए जाने की जानकारी सूत्रों ने दी है। माना जा रह है कि एनजीटी के नोटिस के बाद नींद से जागे अफसर कुछ बड़ा कर सकते हैं।
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