दंगे कराकर थी दहलाने की तैयारी

दंगे कराकर थी दहलाने की तैयारी]
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दंगे कराकर थी दहलाने की तैयारी,
तहसीम उर्फ मोटा के खुलासे से एसटीएफ भी हैरत में
-पाकिस्तान के लाहौर में भी ठहरा था पंद्रह दिन, आईएसआई के था संपर्क में
एसटीएफ की मेरठ यूनिट के हत्थे चढेÞ तहसीम उर्फ मोटा ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उसके खुलासों के बाद सुरक्षा एजेंसियां चौंकस हो गयी हैं। तहसील पाकिस्तान भी जा चुका है। वह लाहौर में कई दिन तक ठहरा और आईएसआई के एजेंटों के संपर्क में था। उसके परिवार के भी लोग अक्सर पाकिस्तान आते जाते रहते हैं।
एएसपी एसटीएफ बृजेश कुमार सिंह के निर्देशन में फिल्ड यूनिट मेरठ के इंस्पेक्ट सुनील कुमार के नेतृत्व में भेजी गयी टीम ने आईएसआई एजेंटों के संपर्क में रहने के आरोपी शामली के तहसीम को मेरठ करनाल हाइवे से पुलिस और एसटीएफ ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है। गिरोह के फरार सदस्यों की तलाश में दबिश दी जा रही है।
दंगे कराने के मंसूबे थे पाले
पूछताछ में तहसीम ने हैरान व परेशान कर देने वाली जानकारी दी। बकौल एसटीएफ पूछताछ में उसने बतायाकि उसका भाई कलीम भी पाकिस्तान आते-जाते हैं। वहां पर इसके आईएसआइ के कुछ हैंण्डर से जान पहचान हो गयी थी। जिसके द्वारा उन्हें कुछ पैसों का लालच दिया गया। इनसे कहा गया कि तुम भारत में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए अपने लोगों को तैयार को तैयार करो। जो भारत के विभिन्न क्षेत्रों में दंगा व फसाद कर विध्वसंक गतिविधियों को अंजाम देंगे। जिससे कि भारत में शरीदयत कानून के तहत नए सिस्टम को स्थापित कर भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाया जा सके। इस पर तहसील व इसका भाई कलीम फजी सिम प्राप्त कर व्हाटसअप से पाकिस्तान में आईएसआई एजेंट दिलशाद उर्फ मिर्जा कर संपर्क कर संवेदनशील सूचनाएं भेजते थे। नफीस जो कांधला का रहने वाला है, से नकली करेंसी लेकर इमरान के साथ आसपास के जनपदों में सप्लाई का काम करता था। इसके भाई कलीम के गिरफ्तार होने के पश्चात यह अपना फोन छोड़कर फरार हो गया था। तहसीम साल 2002 में पाकिस्तान गया। लाहौर में पंद्रह दिन रूका।
नकली नोट प्रकरण में भी आरोपी है तहसीम
पुलिस के अनुसार, तहसीम नकली नोट प्रकरण में भी फरार चल रहा था। कांधला के नफीस के साथ मिलकर वह शामली और आसपास के जिलों में नकली नोटों की सप्लाई करता था। पूर्व में बताया गया था कि पहले गिरफ्तारकिए गए कलीम के भाई तहसीम भी आईएसआई के संपर्क में है। व्हाट्सएप पर भारत के सैन्य क्षेत्रों और अन्य स्थानों के फोटो भी भेजे थे। जांच में सामने आया था कि सहारनपुर का रहने वाला युसुफ भी दोनों भाइयों के संपर्क में रहकर फर्जी सिम उपलब्ध करा रहा था। सटीएफ ने दावा किया था कि कलीम पाकिस्तान में बैठे आईएसआई एजेंट दिलशाद मिर्जा के संपर्क में था। उस समय से तहसीम और युसूफ फरार चल रहे थे। पुलिस के अनुसार, एसटीएफ और पुलिस ने संयुक्त रुप से कार्रवाई करते हुए फरार चल रहे कलीम के भाई तहसीम को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी से पूछताछ की जा रही है। कुछ दस्तावेज भी तहसीम के पास से मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है।

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