नोटिस अवैध का-पटकथा वैध की , मेरठ कैंट बोर्ड प्रशासन जिन व्यापारियों को अवैध कब्जेदार मानकर नोटिस देकर जगह खाली कर जाने के आदेश जारी कर चुका है, कैंट बोर्ड के रेवेन्यू सेक्शन का एक लिपिक ने न केवल इन सभी अवैध बतायी गई दुकानों को बाकायदा फाइलों में वैध साबित करने की पटकथा तैयार कर ली है, बल्कि इन सभी छब्बीस दुकानों की खुली सेल भी लगा दी गयी है। कैंट बोर्ड के नोटिस में जिन कब्जेदारों को अवैध माना गया है, उन सभी को वैध कराने के नाम पर जो बोली लगायी जा रही है, वह चार लाख से शुरू की गयी है। अपनी पहचान छिपाते हुए लालकुर्ती स्थित कैंट बोर्ड की इन दुकानों पर काविज व्यापारियों ने बताया पहले नोटिस दिया और अब मामले को मैनेज करने के नाम पर चार-चार लाख वसूले जा रहे हैं। बकौल दुकानदारों के यह रकम किसी अन्य नहीं बल्कि उक्त लिपिक द्वारा सीईओ कैंट के नाम पर उगाही जा रही है। कैंट बोर्ड में इस प्रकार का खुला खेल पहली बार देखने को मिल रहा है, हालांकि यह स्पष्ट नहीं कि सीईओं कैंट के संज्ञान में पूरा खेल है या नहीं, लेकिन बकौल दुकानदारों के चार-चार लाख की रकम की डिमांड रेवेन्यू का उक्त लिपिक सीईओ कैंट बोर्ड के नाम पर ही ले रहा है। इसकी शिकायत सीईओ कैँट से क्यों नहीं की के सवाल पर दुकानदारों का कहना है कि यदि ऐसी हिमाकत की तो दुकान से भी हाथ धो बैठेंगे। पहचान न जाहिर करते हुए इन दुकानदारों ने बताया कि उन्होंने काफी पहले मूल आवंटी से यह दुकान भारी भरकम रकम पर खरीद ली। उन्होंने यह भी माना कि वो वैध कब्जेदार नहीं हैं, लेकिन कैंट बोर्ड में पैसे के बूते सब संभव है। लिपिक ने ज्यादातर कब्जेदारों को मूल आवंटी का कारोबारी साझीदार कागजों में दिखा दिया है। जिन दुकानाें में बेसमेंट बना लिए हैं, उन पर भी कार्रवाई न कराने का सौदा चार लाख में ही तय हुआ है। कैंट बोर्ड के पहले ये खोखे थे, अब दुकानें हैं। सुनने में आया है कि जिनसे डील फाइनल हो चुकी है, ऐसी तीन से चार दुकानों पर कैंट प्रशासन की मोहर भी लग गई है।