भूमाफिया कर रहे भाजपा के नाम का दुरूपयोग, मेरठ में अवैध कालोनियां काट रहे भूमाफियाओं ने सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नाम को अपना कवच बना लिया है। ये सत्तारूढ़ दल के नाम का दुरूपयोग भी कर हैं। इस काम में संगठन के कुछ लोग भी इनके मददगार बने हैं, यह भी सुनने में आया है। वर्ना क्या कारण है कि एक ओर तो मेरठ विकास प्राधिकरण के उच्च पदस्थ अधिकारी बार-बार अवैध निर्माणों पर बुलडोर व ड्रोन की हुंकार भरते हैं, वहीं दूसरी ओर अवैध कालोनी काट रहे तमाम भूमाफिया इससे पूरी तरह से बेखबर नजर आते हैं। प्राधिकरण प्रशासन की किसी भी चेतावनी को खुद को भाजपाई साबित करने पर तुले भूमाफियाओं पर कोई असर अभी तो नजर नहीं आ रहा है। हालात कितने गंभीर हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अवैध कालोनी काटने वाले भाजपा का नाम दुरूपयोग करते हुए पूरी दबंगई पर उतरे हुए हैं। इनकी दबंगई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्राधिकरण द्वारा अवैध कालोनी का काम तत्काल बंद करने के नोटिस के बाद भी ये लोग काम को जारी रखे हुए हैं। इन पर एमडीए प्रशासन के उच्च पदस्थ अफसरों की सख्ती का कोई असर हुआ हो ऐसा बिलकुल नहीं लगता। इसका जीता जागता प्रमाण मेरठ महानगर के किला रोड पर सपा का एक पूर्व नेता जो अब खुद को भाजपाई बता रहा है, लोगों जिसका प्रजापति के नाम से संभवत जानते हैं, वह अवैध कालोनी काट रहा है। प्राधिकरण के इस जोन के अवर अभियंता धीरज यादव का दावा है कि इस भूमाफिया का चालान काटा गया है। वहां मौके पर काम भी बंद करा दिया गया है। लेकिन काम बंद कराए जाने के दावे की पोल इस भूमाफिया ने खोल कर रख दी है। किला रोड पर जहां प्रजापति भूमाफिया जो भाजपा का झंड़ा गाड़ी पर लगाए अक्सर घूमता देखा जा सकता है, वह साइट पर काम को जारी रखे हुए हैं। अवैध कालाेनी के जो सिम्टम होने चाहिए वो सब इसकी कालोनी में नजर आ रहे हैं। मसलन अवैध कालोनी में रोड व खडंजा लगवा दिया गया है। वहां प्लाटिंग की जा रही है। बिजली के खंबे भी वहां लगा दिए गए हैं। आने जाने का रास्ता बना दिया है। मकान का सपना देखने वालों को झांसा देने के लिए जो कुछ होना चाहिए वह सारे इंतजाम इस भूमाफिया ने अवैध कालोनी में कर लिए हैं।
खरीदारों के लिए भी बनेगी मुसीबत:
खुद को भाजपाई बताने वाले इस भूमाफिया की कालोनी में जो भी लाेग घर बनाने को अपने जीवन भर की कमाई दाव पर लगाकर भूखंड खरीदें उनके लिए भी यह अवैध कालोनी किसी मुसीबत से कम साबित नहीं होगी। मुसीबत कैसे साबित होगी यह भी समझ लीजिए। इस कालोनी में गंदगी और पानी की निकासी का कोई इंतजाम नहीं है। मसलन सीवर नहीं है। जो लोग मकान यहां बना भी लेंगे, वो अपने घर के बाहर तो नाली बना लेंगे, लेकिन उस नाली का पानी कहां जाएगा, यह बड़ा सवाल है। एक दिन ऐसे हालात हो जाएंगे कि घरों से निकलने वाला गंदा पानी घर के बाहर जमा होने लगेगा और वहां हालात नारकीय बन जाएंगे। उस वक्त इस कालोनी में भूखंड लेने वालों को पछतावे के अलावा कुछ नहीं होगा, लेकिन तब तक काफी देरी हो चुकी होगी। क्योंकि बगैर पानी की निकासी किसी के लिए भी किसी भी कालाेनी में रहना असंभव है।
तरसना होगा शुद्ध पेयजल के लिए: आमतौर पर जब कहीं कोई कमान बनाता है तो शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करना पहला काम होता है। खुद को भाजपाई कहने वाला यह भूमाफिया केवल प्लाटिंग कर रहा है, जो लोग इस कालोनी में प्लाट खरीदेंगे उनके लिए यहां कमान बनाकर रहना किसी मुसीबत से कम नहीं होगा, उसकी वजह यह है कि पेयजल का इंतजाम भूमाफिया के स्तर से नहीं किया गया है। आमतौर पर कालोनी में सबसे पहले पानी की टंकी बनायी जाती है, लेकिन यहां पानी की टंकी तक नहीं है। अवैध जल दोहन करने पर अब जुर्माना व सजा का प्रावधान है।
हमेशा मंडराता रहेगा ध्वस्तीकरण का खतरा
अवेध कालोनी में बगैर नाली और पानी के रहना शुरू भी कर दिया तो जो भी यहां भूखंड खरीद कर अपने मकान का सपना पूरा करने के लिए वहां जीवन भर की कमाई को लगा देंगे, उनकी यह कमाई कभी भी डूब सकती है। क्योंकि इस बात की कतई गारंटी कोई भी नहीं ले सकता कि जो मकान अवैध कालोनी में बनाया जा रहा है, एमडीए उसको ध्वस्त नहीं करेगा।