कश्मीर में डेजर जोन में विपक्षी नेता, श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती को श्रीनगर में अपने उच्च सुरक्षा वाले आवास को खाली करने के लिए मजबूर किए जाने के बाद उन्हें जम्मू कश्मीर प्रशासन ने एक अन्य आवास की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने उसमें जाने से इनकार कर दिया, जिसने सुरक्षा एजेंसियों को मुश्किल में डाल दिया है. यहां यह भी बात गौरतलब है कि भारत जोड़ों यात्रा पर निकले विपक्ष के मुख्य नेता राहुल गांधी का कश्मीर जाने का कार्यक्रम है. दरअसल महबूबा जेड प्लस श्रेणी के व्यक्ति के तौर पर हैं, लेकिकन प्रोटोकॉल के तहत उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाए हैं. जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री, 2005 से फेयरव्यू में रह रही थीं, जो श्रीनगर के उच्च सुरक्षा वाले गुपकर रोड पर एक दो मंजिला सरकारी लॉज है. उन्हें इस साल अक्टूबर में बेदखली के कई नोटिस दिए गए थे, जिसमें उन्हें 15 नवंबर से पहले लॉज खाली करने के लिए कहा गया था. जब 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर विशेष दर्जा छीन लिया गया था, तो इससे जम्मू कश्मीर राज्य विधानसभा सदस्य पेंशन अधिनियम, 1984 के तहत विधायकों को मिले विभिन्न विशेषाधिकार भी खत्म हो गए थे. ऐसा ही एक विशेषाधिकार पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिए किराया-मुक्त आवास था. जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की घोषणा के बाद इस कानून को समाप्त कर दिया गया था. केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने मुफ्ती को तीन वैकल्पिक आवासों की पेशकश की थी. दो आवासों की पेशकश श्रीनगर के तुलसी बाग और चर्च लेन में की थी, जो जम्मू कश्मीर के कुछ पूर्व मंत्रियों एवं विधायकों, राजनेताओं और शीर्ष सरकारी अधिकारियों का आवास रहा है. वहीं, तीसरा विकल्प श्रीनगर के ट्रांसपोर्ट यार्ड में दिया था. हालांकि मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने ‘निजता में कमी’ और अन्य कारणों से ‘अनुपयुक्त’ पाया गया. उन्होंने कहा, ‘हमारा परिवार शानदार जीवनशैली का आदि नहीं है, लेकिन वह जगह बदहाल स्थिति में है और इसमें बुनियादी सुविधाओं की कमी है.’ पीडीपी अध्यक्ष, जो पहले कह चुकी हैं कि उनके पास रहने के लिए कोई आवास नहीं है, अपनी बहन के घर रहने चली गई हैं जो श्रीनगर शहर से लगभग 34 किलोमीटर दूर खिंबर में है. श्रीनगर के हजरतबल के बाहरी इलाके में एक ‘सुनसान’ क्षेत्र में स्थित खिंबर निवास ‘असुरक्षित’ है क्योंकि वहां पूर्व मुख्यमंत्री पर ‘आतंकी हमले की आशंका’ है. घर एक ऐसे क्षेत्र में स्थित है जहां ‘हाल ही में आतंकवादी हमले हुए हैं’, सड़कें सही नहीं हैं और बिजली की व्यवस्था भी भरोसेमंद नहीं है और मोबाइल कनेक्टिविटी खराब है, जो ‘सुरक्षा की दृष्टि से पूर्व मुख्यमंत्री और उनके परिवार के लिए जोखिमपूर्ण’ है.