निगम अफसरों की ली खबर, दुकानों पर सील लगाए जाने को लेकर संयुक्त व्यापार संघ के पदाधिकारियों ने नगर निगम अफसरों की जमकर खबर ली। वहीं दूसरी ओर इस पूरे मामले को लेकर अब बड़ा सवाल भाजपा पर उठ रहा है। व्यापारियों का कहना है कि भाजपा को व्यापारियों की पार्टी माना जाता है लेकिन सबसे ज्यादा उत्पीड़न भी इस सरकार में व्यापारियों का ही हो रहा है। वहीं दूसरी ओर रेलवे रोड चौराहा स्थित डीएन कॉलेज परिसर में आने वाली दुकानों पर नगर निगम के माध्यम से सील लगा दी गई रेलवे रोड बाजार के अध्यक्ष नवीन गुप्ता व मेरठ बुलियन ट्रेडर्स के विजय आनंद अग्रवाल न कई अन्य से व्यापारियों ने संपर्क किया। नवीन गुप्ता तुरंत अपने समस्त टीम के साथ रेलवे रोड पहुंचे और वहां के व्यापारियों से पूरी बात समझी तो व्यापारियों ने बताया कि डी एन कॉलेज परिसर में करीब 44 दुकानें डीएन कॉलेज ने किराए पर दे रखी है नगर निगम से डीएन कॉलेज पर गृह कर बकाया है जिसकी वजह से नगर निगम ने सील लगा दी है। व्यापारियों के साथ नवीन गुप्ता नगर निगम पहुंचे जहां नगर आयुक्त नहीं मिल पाए। अपर नगर आयुक्त से वार्ता हुई नवीन गुप्ता ने नगर निगम द्वारा की गई सील की कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा कि आपने व्यापारियों को अभी तक यह नहीं बताया यह किस व्यापारी पर कितना ग्रह कर बकाया है, तो व्यापारी वह ग्रह कर क्यों देगा। दूसरी बात गृह कर डीएन कॉलेज परिसर पर लगा है यह किराएदार हैं किराएदार ग्रह कर नही देता ग्रह कर भवन स्वामी देता है, इसलिए गृह कर आप डीएन कॉलेज परिसर से मांगिए दुकानदारों से नहीं। इन दुकानदारों को बर्बाद कर इन्हें सील लगाकर आप सरकार को बदनाम करने का काम कर रहे हैं जो कि अच्छी बात नहीं है। यह सरकार व्यापारी विरोधी नहीं है। कुछ अधिकारियों के गलत कामों की वजह से यह सरकार बदनाम हो रही है और सील खुलवाने की मांग की अधिकारियों ने सील खुलवाने हेतु कुछ समय मांगा। मौके पर नवीन गुप्ता, मंत्री विजय आनंद अग्रवाल, योगेश गुप्ता, अपार मेहरा, सचिन गोयल, अमित स्पार्की, तरुण गुप्ता, विकास गिरिधर इत्यादि संयुक्त व्यापार संघ अधिकारी उपस्थित रहे। विजय आनंद अग्रवाल का कहना है कि इस कानून के अंतर्गत जो कार्यवाही की गई है उसमें धारा 503 का पालन किए बिना कार्यवाही की गई है और इस कानून में स्पष्ट है कि आप चल संपत्ति का अभी हरण तथा बिक्री से अपनी वसूली कर सकते हैं अचल संपत्ति को सील करने का अधिकार आपको सीधे-सीधे नहीं है।