कथा में पहुंचे अमित व सोमेन्द्र, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर ग्राउंड, गंगानगर मेरठ में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ‘श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ’ में मुख्य अतिथि ऊर्जा राज्यमंत्री-सोमेन्द्र तोमर, विधायक अमित अग्रवाल, डॉ राजेश प्रतिनिधि एम एल सी सरोजिनी अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित कर श्रीमद् भागवतु कथा ज्ञान यज्ञ का आरंभ कराया।आशुतोष महाराज जी की शिष्या – भागवताचार्य साध्वी सुश्री पद्महस्ता भारती जी ने मथुरा गमन प्रसंग के द्वारा समझाया।
जब संशयग्रस्त अक्रूर जी श्रीकृष्ण और बलराम जी को रथ पर बैठाकर मथुरा की ओर बढ़ रहे थे, तब मार्ग में वे नदी में स्नान करने के लिए रुके। उन्होंने नदी में स्नान करते हुए प्रभु की दिव्यता का दर्शन किया, और मन के सभी संशयों से मुक्ति को प्राप्त किया। लोग यह समझते हैं कि उनको नदी में ही श्रीकृष्ण व बलराम जी का दर्शन हो गया। परंतु ऐसा नहीं है, भागवत महापुराण समाधि की उत्कृष्टतम अवस्था में लिखा गया ग्रंथ है, फिर एक साधारण मानव इनमें छिपे गूढ़ अर्थ को अपनी साधारण सी बुद्धि से कैसे समझ सकता है? वास्तविकता में अक्रूर जी ने ध्यान की नदी में उतरकर प्रभु का दर्शन किया था। अंत में साध्वी जी ने ‘कंस वध प्रसंग का उल्लेख किया। अंतिम क्षणों में उन्होंने सामाजिक घटनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि आज doctors, engineers, उच्च शिक्षित वैज्ञानिक भी कैसे पतन का परिचय दे रहे हैं। इसलिए शिक्षा के साथ दीक्षा का समन्वय अति आवश्यक है। श्री महाराज जी का कथन है- Education is justified only when it enables an individual to serve the society through the potential of his/her wisdom. वही शिक्षा सार्थक है जिससे एक व्यक्ति के भीतर विवेक जागृत हो, तथा वह समाज निर्माण में अपनी सशक्त व जिम्मेदार भूमिका निभा सके। समाज में शिक्षा के वास्तविक अर्थ को पुनः स्थापित करने के उद्देश्य से गुरुदेव के मार्गदर्शन में वैदिक शिक्षा से प्रेरित ‘मंथन’ कार्यक्रम की नींव रखी गई। मंथन का यह अटल विश्वास है कि शिक्षा-दीक्षा के अनुपम संगम से हमारे राष्ट्र की ही नहीं, बल्कि संपूर्ण विश्व की रीड़ की हड्डी मजबूत होगी।