बेमिसाल हैं मेरठ के तमाम अफसर, मेरठ लोहिया नगर के चमड़ा पैठ जाकिर कालोनी में एक परिवार पर आयी विपदा में यूं तो हजारों हाथ मदद के लिए आगे बढेÞ थे, लेकिन इन सब के बीच भारी संकट के दौरान यहां के पुलिस प्रशासन तमाम सीनियर अफसरों की मौजूदगी ने राहत व बचाव कार्य में लगे सरकारी व दूसरे लोगों का जिन्हें किसी ने बुलाया नहीं था, जो खुद मलवे में दबे लोगों की मदद को आगे आए थे, उन तमाम लोगों को आॅक्सीजन देने का काम किया।
एडीजी धु्रवकांत ठाकुर, कमिश्नरी सेल्वा कुमारी जे, डीएम दीपक मीणा, एसएसपी डा. विपिन ताडा, एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट अनिल कुमार सरीखे जितने भी पुलिस प्रशासन और दूसरे महकमों के अफसरों की मौजदूगी ने राहत व बचाव के काम में तेजी लाने के साथ ही रिकार्ड वक्त में उस काम को निपटाने का भी काम किया। जिस वक्त तमाम बचाव का काम जारी था मूसलाधार बारिश पड़ रही थी। उक्त तमाम अफसर इस बारिश की परवाह ना करते हुए मौके पर ही डटे हुए थे। कमिश्नर साहिबा की इस संबंध में जितनी भी तारीफ की जाए कम है। भारी बारिश की परवाह न करते हुए वह बचाव कार्य में लगातार निर्देशित करती रहीं। डीएम दीपक मीणा संकट की घड़ी में जो मुखिया का दायित्व होता है वो निभाते नजर आए। एसएसपी डा. विपिन ताडा खुद राहत कार्य का हिस्सा बने हुए थे। बचाव कार्योें में एसएसपी हरदम आगे नजर आए। जितने भी अफसर वहां मौजूद थे सभी अपनी क्षमता के परे योगदान दे रहे थे। जिदंगी और मौत यूं तो ऊपर वाले के हाथ होती है, लेकिन इस घटना में मेरठ के इन अफसरों की मिसाल इनके यहां से चले जाने के बाद शहर के लोग दिया करेंगे। जाकिर कालोनी कांड को लेकर तमाम खबरें चल रही हैं। लेकिन इन खबरों के बीच यदि इस मौके पर मौजूद रहे तमाम अफसरों के कार्यप्रणाली और उनके योगदान व मेहनत का जिक्र ना किया जाए तो अन्याय होगा। हालांकि कुछ लोगों का कहना था कि सीएम के निर्देश पर पहुंचे थे, यदि यह भी मान लिया जाए कि सीएम के निर्देश पर पहुंचे थे तो भी तमाम अधिकारियों ने संकट के वक्त जो कुछ मोटिवेशन व हौसला अफजाई का काम उन्होंने किया, उसको कमतर नहीं आंका जा सकता।