न पूरा होने वाला इंतजार

न पूरा होने वाला इंतजार
Share

न पूरा होने वाला इंतजार, नई दिल्ली: भाजपा के बड़े नेता और जम्मू कश्मीर समेत तीन राज्यों में राज्यपाल रह चुके सत्यपाल मलिक के पुलवामा हमले को लेकर किए गए खुलासों के बाद विपक्ष के हमलावर होने के बाद बचाव करने वाले बैकफुट पर आ गए हैं. वहीं दूसरी ओर नेशनल मीडिया पर इस विस्फोटक खुलासे के बाद डिवेट का न पूरा होने वाला इंतजार है, लेकिन उम्मीद पर दुनिया कामय है. वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता  सत्यपाल मलिक ने पत्रकार करन थापर के साथ एक साक्षात्कार में 14 अप्रैल को कहा था कि  ‘मैं अगर गृह मंत्री होता, तो मैं जिम्मेदारी लेता. मैं पद से इस्तीफा दे देता. ये देश के इतिहास की एक बहुत बड़ी त्रासदी है. हमारी अक्षमता के चलते 40 बेशकीमती जवानों ने जान गंवा दी.’ सत्यपाल मलिक यही नहीं रूके उन्होंने खुलासा किया कि ‘जितना विस्फोटक उस व्यक्ति के पास था, वो अंदर (देश में) नहीं सकता. ये पाकिस्तान ही था, जिसने यह सब इंतजाम किया. लेकिन यह शर्म की बात है और मैं भी यह गलती मानता हूं कि वो कार लगभग दस-बारह दिन  उस इलाके में, गांवों में घूमती रही और हम उसका पता नहीं लगा सके.’ थापर के यह कहने पर कि यह इंटेलिजेंस की बहुत बड़ी चूक थी, मलिक ने कहा, ‘सौ फीसदी. ये सिस्टम की चूक थी. इस खुलासे के बाद सबसे पहा ट्वविट कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का आया है. उन्होंने साक्षात्कार का स्क्रिनशार्ट ट्वीट किया है. राहुल यहीं नहीं रूके, उन्होंने ट्वीट किया की पीएम को भ्रष्टाचार से कोई दिक्कत नहीं.  INC के अधिकारिक ट्वीट में पीएम को टेग करते हुए लिखा कि आपकी सरकार की गलती से चालिस जवानों की शाहदत हुई है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने मलिक की  प्रधानमंत्री को भ्रष्टाचार से कोई समस्या नहीं है टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी सरकार द्वारा उच्च संवैधानिक पदों के लिए चुने गए व्यक्ति अगर इस तरह का बयान देते हैं, तो इससे पता चलता है कि भ्रष्टाचार भाजपा की प्राथमिकता नहीं है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने भी  ट्वीट किया, ‘पुलवामा हमले का सच सामने आ रहा है. नकली और जुमलेबाज संघी राष्ट्रवादियों का असली चेहरा सामने आ रहा है. लोकसभा चुनावों से पहले पुलवामा क्यों हुआ, सबको समझ आ रहा है.’शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने कहा कि जब मलिक ने ‘पुलवामा के बारे में विस्फोटक सच्चाई’ सामने रख दी है. उन्होंने बताया कि हमले के बाद ये सवाल पूछने वाले विपक्षी नेताओं को ‘सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा चुप करा दिया गया था’ और उन्हें ‘देशद्रोही’ और ‘पाकिस्तान की आवाज बोलने वाला’ करार दिया गया था.समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मनोज सिंह काका ने भी पुलवामा घटना होने से को रोकने में मोदी सरकार की ‘अक्षमता’ का जिक्र किया. सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने भी इंटरव्यू को ‘मारक’ बताया. पूर्व राज्यपाल के इस खुलासे के बाद सबसे ज्यादा मुसीबत सरकार का बचाव करने वाले प्रवक्ताओं की है. हालांकि तमाम नेशनल मीडिया सत्पाल मलिक के इन खुलासों पर डिवेट से कन्नी काटने की कोशिक में हैं.

@Back Home


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *