बंगलों की प्लाटिंग-अफसर बेखबर, छाव क्षेत्र में स्थित भारत सरकार के बंगलों को भूमाफिया खुर्दबुर्द कर रहे हैं। बंगलों में प्लाट काटे जा रहे हैं। कैंट प्रशासन के जिन उच्च पदस्थ अफसरों पर भारत सरकार के इन बंगलों की सुरक्षा व उनके रखरखाव की जिम्मेदारी है, हैरानी तो इस बात की है कि वो अफसर क्षेत्र के शांति प्रिय व कानून को मानने वाले लोगों द्वारा शिकायत किए जाने के बाद भी नींद से जागने को तैयार नहीं है। मेरठ कैंट के भूसा मंड़ी इलाके में बंगला 201 जीएलआर में शांति देवी के नाम से दर्ज है। इसको शांति फार्म हाउस के नाम से भी जाना जाता है। इस बंगले की लीज खत्म हो चुकी है। लीज खत्म होने के बाद नियमानुसार कैंट प्रशासन को इस बंगले को रिज्यूम कर लेना चाहिए था। यह बंगला मनोज शर्मा नाम के शख्स के कब्जे में था। शांति फार्म हाउस से सटे प्रतापपुरी वेल्फेयर साेसाइटी के बाशिंदे जो भारत सरकार के इस बंगले को बचाने की जंग लड़ हैं, उन्होंने बताया कि मनोज शर्मा ने किसी आविद नाम के शख्स को यह बंगला बेच दिया है। आविद इस बंगले में प्लाटिंग कर रहा है। इस बंगले का एक हिस्सा उसने चूने वाले के नाम से पहचान रखने वाले किसी दूसरे शख्स को बेच दिया है। ऐसे ही पूरे बंगले में प्लाटिंग की जा रही है। ऐसा नहीं कि कैंट प्रशासन के अफसर इससे बेखबर हैं। उन्होंने बताया कि शिकायत किए जाने के बाद भी न कैंट प्रशासन के अफसर बंगले में प्लाटिंग को लेकर गंभीर नहीं है। कैंट बोर्ड प्रशासन को कई-कई बार सबूत के साथ शिकायत की गई है, लेकिन लगता है कि सभी ने अपनी बोली लगा रखी है, शायद यही कारण है जो बंगले में चल रहे अवैध निर्माण को रोकने के लिए कैंट बोर्ड मेरठ के अफसर हरकत में आने को तैयार नहीं है। बंगला 201 में जिस प्रकार से प्लाटिंग कर लोगों को बसाया जा रहा है, आने वाले दिनों में वो तमाम चीजें मेरठ छावनी की सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकती हैं।
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