कैंट बोर्ड: फ्लाप प्रोजेक्टों से कंगाल

जीओसी पर भारी बोर्ड की कारगुजारी
Share

कैंट बोर्ड: फ्लाप प्रोजेक्टों से कंगाल, सहायक अभियंता पीयूष गौतम द्वारा बनाए गए सारे  प्रोजेक्ट पूरी तरह से फेल होने की वजह से कैंट बोर्ड कंगाल होने के कगार पर है। बोर्ड के इंजीनियरिंग सेक्शन एई के एक दो नहीं दर्जनों फ्लाॅप प्रोजेक्टों ने खजाने को राजस्व की भारी हानि पहुंचाने का काम किया है। वर्ना कैंट बोर्ड की आर्थिक स्थिति कभी इतनी खराब नहीं होती थी जितनी की आज। हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कैंट बोर्ड मेरठ अपने स्टाफ को नियमित रूप से सेलरी तक नहीं दे पा रहा है। इंजीनियरिंग सेक्शन हेड के फ्लाप प्रोजेक्टों की यदि बात की जाए तो इस फेरिस्त में सोलर जेब्रा क्रासिंग प्रोजेक्ट, इस पर लाखों का खर्चा, बाद में नाकामी को ढ़कने को यहां रोड बनाकर  उसे दफन कर दिया। इसी तर्ज पर मंगल पांडे बाजार की मल्टीलेबल पार्किंग के स्थान पर फड़ों के निर्माण पर लाखों के राजस्व पर खर्चा नतीजा सिफर, आबूलेन बंगला 180 व 173 के बरातघर की यदि बात करें तो बंगला 180  तो जहां घास-फूंस खड़ी है व 173 बंगले में तो एक भी बुकिंग तक नहीं कर सके, जबकि खजाने से लाखों रुपए खर्च कर दिये गए। मोबाइल टावर व सीवरेज सिस्टम सरीखे प्रोजेक्ट फेलियर होने के बड़े सबूत हैं। शहीद योगेन्द्र हाट के प्रोजेक्ट ने भी बोर्ड को राजस्व हानि पहुंचायी। रजबन पेट्रोल पंप के पीछे पार्क बनाने में भी सरकारी खजाने से गलत तरीके से बड़ी रकम खर्च की गई, लेकिन यह पार्क बजाए इंसानों के पशुओं की आरामगाह बना है। माल रोड पर वाहवाही लूटने को लगवाए गएस्पीड रिकार्डर ठेकेदार जब पेमेंट ही नहीं मिला तो वह उतार कर ले गया। 210बी के ध्वस्तीकरण में मुख्य किरदार एई की वजह से ही चार जिंदगियां भी गईं और आज तक वह अवैध निर्माण मुंह चिढा रहा है। फजीहत हो रही सो अलग। इसी तर्ज पर मछेरान पार्क भी फ्लाप प्रोजेक्ट रहा। इसके मुख्य किरदार भी एई  ही थे जिन्होंने बजाए कैंट बोर्ड को राजस्व की आमदनी होने के केवल हानि पहुंचाने का काम किया है।

@Back Home


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *