गरीबों के निवाले पर मिलकर डाल रहे डाका,
450 कुंतल खाद्यान की कालाबाजारी में कर दी लीपापोती
नए सप्लाई इंस्पेक्टर के चार्ज के बाद हुआ कारगुजारियों का खुलासा
डीएसओ के पूर्व एआरओ व सप्लाई इंस्पेक्टर की भूमिका पर उठ रहे सवाल
मेरठ। राशन घोटाले की कई-कई जांचों के बावजूद मेरठ में खाद्यान अफसर गरीबों के निवाले पर डाला डालने व डलवाने से बाज आने को तैयार नहीं है। ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला सामने आया है जिसमें गरीबों के नाम पर उठाया गया। 450 कुंतल खाद्यान ठिकाने लगा दिया। मामला पिछले साल जुलाई माह का है, लेकिन इस मामले में थाना ब्रह्मपुरी में एफआईआर अब कहीं जाकर की गयी है।
यह है पूरा मामला
डीएसओ कार्यालय के एरिया थर्ड थाना ब्रह्मपुरी के शिव शक्ति नगर इलाके में लोकेश की राशन की दुकान है। हालांकि आरोप है कि स्टाफ की सेटिंग से लोकेश की यह दुकान कोई अमन नाम का शख्स संचालित कर रहा था। जुलाई 2023 में जिला खाद्य विपरणन अधिकारी (डीएफएमओ) ने डीएसओ को पत्र लिखकर सूचित किया कि मैसर्स लोकेश खाद्यान का उठान नहीं कर रहा है। डीएफएमओ का पत्र मिलने के बाद जांच की गयी और जांच के बाद लोकेश की दुकान को सस्पेंड कर दिया गया। लोकेश की दुकान पर एक अन्य दुकान भी संबंद्ध थी। आरोप है कि मैसर्स लोकेश व जो दुकान उसकी दुकान पर संबद्ध की गयी थी, उसका करीब 450 कुंतल खाद्यान की कालाबाजारी कर दी गयी। नियमानुसार जो दुकानें राशन की किसी दूसरी दुकान पर संबद्ध की जाती हैं वितरण के बाद उनके कोटे पर जो भी खाद्यान बचता है उसको अनिवार्य रूप से उस दुकानदार को वापस भेजा जाना जरूरी है, लेकिन आमतौर पर ऐसा नहीं किया जाता। उस राशन की कालाबाजारी कर दी जाती है और आरोप है कि यह सारा काम डीएसओ के स्टॉफ की मिलीभगत से किया जाता है। यह भी आरोप है कि मैसर्स लोकेश की दुकान 450 कुंतल खाद्यान स्टॉक के मामले में भी ऐसा ही किया गया।
एफआईआर के बजाए खेल
होना तो यह चाहिए था कि 450 कुंतल खाद्यान का मामला पकड़ में आने के बाद डीएसओ कार्यालय को इस मामले में आरोपी दुकान संचालक के खिलाफ एफआईआर करानी थी, लेकिन आरोप है कि तत्कालीन एरिया इंस्पेक्टर व सप्लाई इंस्पेक्टर ने खेल कर दिया और आरोपी दुकानदार के गले में बजाए कानून का फंदा डालने को एफआईआर कराने के केवल एडीएम ई के यहां मैसर्स लोकेश का इस्तीफा करा दिया। एडीएम ई के यहां से जब मैसर्स लोकेश के इस्तीफे पर डीएसओ से रिपोर्ट तलब की गयी तो आरोप है कि वहां भी मामले को कथित तौर पर मैनेज करा तत्कालीन एआरओ व सप्लाई इंस्पेक्टर ने डीएसओ से भी इस्तीफा स्वीकृत कर दिया। 450 कुंतल खाद्यान मामले में इस प्रकार से बजाए खेल के लीपापोती कर दी गयी।
ऐसे हुआ खुलासा
इस कारगुजारी का खुलासा तब हुआ जब डीएसओ कार्यालय में नए सप्लाई इंस्पेक्टर अजय कुमार ट्रांसफर होकर आए। उन्होंने उनके सामने यह मामला आया तो उन्होंने वक्त जाया किए बगैर 450 कुंतल खाद्यान की कालाबाजारी के मामले में एफआईआर करा दी, लेकिन जो एफआईआर कराई गयी उसकी तहरीर को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि 450 खाद्यान की कालाबाजारी में केवल मैसर्स लोकेश ही नहीं बल्कि उसको क्लीनचिट देने वाले तत्कालीन एआरओ व सप्लाई इंस्पेक्टर भी बराबर के दोषी हैं। इसलिए इस मामले में एफआईआर तो सभी कथित कसुरवारों के खिलाफ करायी जानी चाहिए थी। लेकिन ऐसा हो ना सका, अब इस मामले में सभी कसूरवारों के खिलाफ कार्रवाई को एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने सीएम कार्यालय में शिकायत की है।