बैलून टेंपोनेड से बचाई जान,एलएलआरएम मेडिकल मेरठ में चिकित्सकों ने एक मरीज की जान बैलून टेंपोनेड का प्रयोग कर बचाने में सफलता हासिल की है। मरीज अब स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहा है। मेडिकल कालेज के मीडिया प्रभारी डा वी डी पाण्डेय ने बताया कि नौसीना उम्र २२ वर्ष निवासिनी जनपद मेरठ इडियोपैथिक थ्रांबोसाइटोपीनिया (प्लेटलेट का कम रहना) नाम के रोग से लंबे समय से ग्रसित थीं। नौसीना गर्भवती थीं प्लेटलेट 10 हजार से भी कम होने के कारण एक महीने पहले गंभीर रूप से बीमार हो गई उनके परिवारजनों ने मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी विभाग में भर्ती करवाया। मरीज को मेडिसिन विभाग की डा आभा गुप्ता तथा डा एस के के मालिक के अधीन भर्ती करवाया गया। मरीज आयुष्मान योजना की लाभार्थी है मेडिकल कॉलेज की आयुष्मान योजना के प्रभारी डा संदीप मलयान एवम उनकी पूरी टीम ने मरीज के इलाज हेतु महंगे इंजेक्स तथा दवा का पूरा इंतजाम किया। मरीज गर्भवती थीं इसलिए स्त्री एवम प्रसूति रोग विभाग की डा रचना चौधरी भी उसका इलाज कर रही थी मरीज का प्रसव कराने में चुनौती ये थी की ऑपरेशन के बाद ब्लीडिंग बंद कैसे की जाएगी इडियोपैथिक थ्रांबोसाइटोपीनिया के मरीजों में प्लेटलेट कम होने की वजह से ब्लीडिंग जल्दी बंद नही होती। मरीज एक महीने से मेडिसिन विभाग में भर्ती थी। 20 मार्च 23 की देर रात प्रसव पीड़ा शुरु हुयी तब स्त्री एवम प्रसूति रोग विभाग की डा रचना चौधरी डा कोमल रस्तोगी एवम उनकी टीम ने साधारण प्रसव के द्वारा नौसीना का प्रसव करा एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया तथा एक एन जी ओ की मदद से प्राप्त यूटेराईन बैलून टेंपोनेड नाम का गुब्बारे का प्रसव के बाद इस्तेमाल कर मरीज की ब्लीडिंग को रोक लिया तथा मरीज की जान बचाई। जच्चा और बच्चा दोनो स्वस्थ हैं तथा आज उनकी छुट्टी कर दी गई। मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डा आर सी गुप्ता ने डा आभा गुप्ता, डा रचना चौधरी, डा एस के के मलिक, डा कोमल रस्तोगी और डा संदीप मलयान और उनकी पूरी टीम को इस जटिल एवम चुनौती पूर्ण केस की सफलता के लिए बधाई दी।