भाजपा का गढ़ तब तब है ये हाल सड़कों का

भाजपा का गढ़ तब तब है ये हाल सड़कों का
Share

भाजपा का गढ़ तब तब है ये हाल सड़कों का,  -अपने गढ की सड़कें नहीं बनवा पा रहे , शहर का क्या खाक विकास कराएंगे भाजपाई- जिला की जिस कैंट विधानसभा सीट की वजह से भाजपाई सांसदी बचा पाए, जहां से रिकार्ड वोटिंग के चलते भाजपा के विधायक बने उस कैंट की सड़कें अपनी किस्मत पर टसुए बहा रही हैं। मेरठ की कैंट विधानसभा सीट केंद्र और सूबे में सत्ता रूढ भाजपा का गढ़ इसके बावजूद कैंट की सड़कें पुरसा हाल नहीं।  एक दौर था जब कैंट वासी साफ सुथरी और मजबूत सड़कों का उलाहना शहर वालोें को दिया करते थे, लेकिन आज जब सड़कों की बात आती है तो कैंट वाले शर्मसार होत हैं, बदहाल सड़कों को लेकर जिम्मेदार कौन है इसको लेकर अलग-अलग राय हो सकती हैं, लेकिन सड़कें अभी तो शर्मसार कर रही हैं। भाजपा के गढ़ मेरठ कैंट विधानसभा की सड़कों की यदि बात की जाए तो भाजपा के लिए कैंट विधानसभा का प्रमुख राजनीतिक केंद्र पूर्व विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल के चुनाव कार्यालय के सामने वाली मेन रोड की यदि बात की जाए तो वहां वाहनों से होकर जाना तो लोग अरसे से भूल गए हैं या कहें डरने लगे हैं। सीएबी कालेज तथा हाथी खाना जिसे भर्ती खाना भी कहते हैं सदर से उस ओर जाने वाले रास्ते की यह सड़क अब पैदल चलने लायक भी नहीं रह गयी है। आबूलेन और खासतौर से बोम्बे बाजार को मेरठ का कनाट पैलेस माना जाता है, लेकिन हनुमान चौक से लेकर शिव चौक की ओर जाने वाले रास्ते की यदि बात की जाए तो सड़क में गडढे हैं या फिर गडढों में सड़क कई बार तय करना मुश्किल हो जाता है। इस सड़क की मरम्मत कराने का  पिछले दिनों सदर व्यापार मंडल ने धरने प्रदर्शन भी किए थे, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी सदर के व्यापारी नेता इस सड़क की मरम्मत तक नहीं करा सके। सदर व्यापार मंडल के महामंत्री अमित बंसल इसके लिए ठीकरा सिस्टम और नेताओं की अनदेखी पर फोड़ते हैं। सदर बुंदेला कैंट विधानसभा का मुख्य इलाका है, यहां की सड़कों की दुर्दशा पर यहां रहने वाले कांग्रेस नेता राजीव शर्मा एडवोकेट व जितेन्द्र सिंह तंज कसते हुए कहते हैं कि भाजपाई अपने गढ की सड़कों की मरम्मत नहीं करा पाए रहे हैं तो शहर का विकास क्या खाक कराएंगे। इस बीच कैंट की सड़कों की दुर्दशा पर कवि सुमनेश सुमन ने भी तड़का लगाने का काम किया है। उन्होंने एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करते हुए तंज कसा है कि महारा मेरठ चंद्रमा से कम थोड़े है। जितने गड्‌डे चंद्रमा पर हैं, वैसे गड्‌डे तो वैज्ञानिकों को यहीं मेरठ की सड़कों पर मिल जाएंगे। मेरठ में छावनी क्षेत्र की टूटी सड़कों का हाल चंद्रमा के गड्‌डों से बदत्तर हैं। गड्‌डों से परेशान क्षेत्रीय जनता ने शहर की सड़कों की तुलना चंद्रमा से कर दी है। कवि सौरभ सुमन ने प्रशासन, शासन तक जनता की आवाज पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया पर तस्वीरें शेयर की हैं। जिसमें उन्होंने कहा कि चंद्रयान को बेवजह चंद्रमा पर जाकर गड्‌डे खोजने पड़े, बेहतर होता वो मेरठ आ जाता। क्योंकि इन सड़कों के गड्‌डे चंद्रमा से कम नहीं हैं।छावनी क्षेत्र में रामलीला मैदान के पास भैंसाली मैदान के आसपास की सड़कों का बुरा हाल है। पिछले 10 दिनों से मेरठ में बारिश नहीं हुई है। लेकिन सड़क पर इतने गड़डे हैं कि उनमें पुराना पानी अब तक भरा है। पूरी सड़क गड्‌डों में हैं। यहां से लोगों का आना जाना भी मुश्किल हो रहा है। काफी गड्‌डे हो गए हैं। लेकिन इन गड्‌डों से शहरवासी परेशान हैं।इस सड़क के पास ही कैंट के पूर्व विधायक का कैंप कार्यालय है। सीएबी इंटर कॉलेज है। यही सड़क सदर दाल मंडी को जाती है। गंज बाजार चौराहा, पत्ता मोहल्ला को जोड़ती है। रोजाना 50हजार लोग इस सड़क से गुजरते है ंलेकिन हाल बुरा है। हालांकि छावनी बोर्ड का कहना है कि चूंकि इस सड़क के पास रैपिड रेल कॉरिडोर बन रहा है। इसकी वजह से सड़क मेंटेंन नहीं हो पा रही है।

कैंट विधायक अमित अग्रवाल ने बताया कि कैंट क्षेत्र की सड़कें शीघ्र बनेंगी। इसके लिए 17 करोड़ का बजट रक्षा मंत्रालय से मेरठ छावनी परिषद को मिल गया है। पूर्व में जो कुछ सड़कें उनके प्रयास से बन सकी हैं वो एमईएस ने बनायी हैं। कुछ सड़कें विधायक व सांसद निधि से बन चुकी है, बाकि जो सड़कें बनने से रह गयी हैं वो 17 करोड़ के बजट में बन जाएंगी।

@Back Home


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *