बायलर विस्फोट से दो के उड़े चिथड़े

बायलर विस्फोट से दो के उड़े चिथड़े
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बायलर विस्फोट से दो के उड़े चिथड़े,

-डीएम व एसएसपी के समेत पुलिस प्रशासन का पूरा अमला मौके पर

-मुआवजा मिलने तक गांव वालों का पुलिस को शव देने से इंकार, घंटों चला हंगामा

मेरठ। इंचौली के गांव फिटकरी में अवैध रूप से संचालित की जा रही फैक्ट्री में अचानक बायलर में हुए विस्फोट में दो मजदूरों के जिस्म के चिथडे़ उड़ गए, जबकि तीन अन्य घायल हो गए। विस्फोट इतना तेज था कि उसकी आवाज करीब पांच किलोमीटर दूर तक सुनी गयी। सूचना पर पुलिस प्रशासन के डीएम व एसएसपी सरीखे आला अधिकारियों समेत अफसरों का पूरा अमला व भारी पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गयी। हालांकि अवैध फैक्ट्री चलाने वाले दोनों पार्टनर मौके पर नहीं पहुंचे। विस्फोट में दो की मौत को लेकर जमकर हंगामा हुआ। गांव वालों ने मृतकों को मुआवजे मिलने तक पुलिस को शव सौंपने से इंकार कर दिया।

विस्फोट से मचा हड़कंप

मंगलवार को सुबह करीब पांच बजे बम फटने जैसी आवाज सुनकर गांव वालों की नींद खुलीं। उन्होने बताया कि धमका इतना जबरदस्त था कि आसपास के पांच किलो मीटर के इलाके में लोगों ने यही समझा कि शायद बम फटा है। फिटकरी गांव में जहां अवैध फैक्ट्री दुर्गा इंडस्ट्रीज संचालित की जा रही है उस के आसपास खेत हैं। सुबह इन खेतों में इक्का दुक्का किसान भी काम कर रहे थे। उन्होंने जब विस्फोट की आवाज सुनी तो तेजी से फैक्ट्री की ओर दौडे़े। फैक्ट्री से धुंआ उठ रहा था। भीतर दाखिल हुए तो बायलर के सामने गांव किशोरीपुरा निवासी परवीन पुत्र चतरू, शंकर पुत्र विजयपपाल के शव पड़े थे। विस्फोट से जिस्म के चिथड़े उड़ गए थे। उन्हें पहचाना मुश्किल हो रहा था। जो घायल थे गांव वालों ने सबसे पहले उन्हें संभाला और गंगा नगर स्थित दिव्य ज्योति नर्सिंगहोम पहुंचा। उनकी हालत देखकर डाक्टरों ने उन्हें गढ रोड स्थित एक दूसरे प्राइवेट अस्पताल रैफर कर दिया।

मौके पर प्रशासनिक अमला

विस्फोट की सूचना पर इंचौली पुलिस तो कुछ देर बात ही पहुंच गयी थी, लेकिन करीब बीस किलोमीटर दूर स्थित जिला मुख्यालय से पुलिस प्रशासन के आला अफसरों के अमले को पहुंचने में करीब तीन घंटे का वक्त लगा। जिलाधिकारी दीपक मीणा व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सजवाण, के अलावा एसपी देहात कमलेश बहादुर, एडीएम एफ, सीओ सदर देहात, कई थानों की पुलिस फोर्स व पुलिस लाइन से रिजर्व फोर्स भी मौके पर पहुंच गया था। भारी संख्या में महिला पुलिस कर्मियों को भी मौके पर तैनात किया गया था।

पुलिस को शव देने से इंकार

जानलेवा विस्फोट की खबर मिलते ही परवीन व शंकर के परिजन समेत पूरा गांव मौके पर पहुंच गया था। फैक्ट्री में जहां दोनों के झुलसी हुए लाश पड़ी थीं, वहीं उन पर चादर डालकर परिजन बैठ गए। पुलिस  वाले पोस्टमार्टम के लिए जैसे ही शव को कब्जे में लेने को आगे बढ़े गांव वालों ने हंगामा कर दिया। उन्होंने कहा कि जब तक इस हादसे की जिम्मेदारी तय नहीं की जाएगी और मरने वाले के परिवार को पचास-पचास लाख तथा घायलों के परिवार को पंद्रह-पंद्रह लाख का मुआवजा नहीं दिया जाएगा तब तक शव पोस्टमार्टम के लिए नहीं सौंपे जाएंगे। इसको लेकर वहां काफी देर तक हंगामा चलता रहा। पुलिस वालों ने लाख प्रयास किए। डराया भी धमकाया भी, लेकिन गांव वालों ने साफ कह दिया कि दो

शैंकीपुत्र बबलू व दिनेश पुत्र ज्ञान सिंह बुरी तरह झुलस गए।

चौबीस घंटे चलती अवैध फैक्ट्री प्रशासन बेखबर

जिस वक्त यह घटना हुई जहां यह अवैध फैक्ट्री है, वहां कुछ अन्य मजदूर भी काम कर रहे थे। उन्होंने परिजनों व गांव वालों को जानलेवा हादसे की सूचना दी। जहां यह फैक्ट्री है वहां आसपास जंगल का इलाका है। सुबह जिस वक्त विस्फोट हुआ, आसपास के खेतों में किसान काम कर रहे थे वो तेजी से दौड़ कर मौके पर पहुंचे। भीतर दाखिल हुए तो बायरल में हुए विस्फोट पैदा हुई गंध की वजह से सांस लेना भी मुश्किल हो रहा था। घटना की जानकारी के बाद पुलिस प्रशासन के डीएम व एसएसपी सरीखे जनपद के आला अधिकारी भी पहुंच गए।

घायलों में किशोरीपुरा के पिता पुत्र भी शामिल हैं। इस फैक्ट्री में हुए विस्फोट के हादसे का शिकार होने वाले सभी मजदूर बेहद गरीब हैं। उनके पास दो जून के खाने तक का इंतजाम नहीं। जो मरे हैं वो अपने परिवार के इकलौते कमाने वाले थे।

चौली थाना क्षेत्र के

पर एसओ इंचौली योगेश कुमार भी मय फोर्स फैक्ट्री पहुंच गए।

घायलों को एंबुलेंस से मेरठ अस्पताल में ले जाया गया, जहां चिकित्सक ने शंकरलाल व प्रवीन को मृत घोषित कर दिया। हादसे का पता लगने पर मृतकों के स्वजन ग्रामीण भी पहुुंच गए।


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