बोम्बे बाजार व सदर में अवैध निर्माण

बोम्बे बाजार व सदर में अवैध निर्माण
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मेरठ। अवैध निर्माणों के जिन मामलों की जांच डायरेक्टर मध्य कमान डीएन यादव करने आए थे, उन सभी शिकायतों और जांच का संज्ञान सीबीआई ले चुकी है। दरअसल सीबीआई ने यहां मेरठ कैंट बोर्ड में भर्ती घोटाले के नाम पर की गयी अवैध उगाही रंगहाथों पकड़े व एक सुपरवाइजर को जेल भेजने के बाद मेरठ कैंट बोर्ड के अफसरों के भ्रष्टाचार की जांच के नाम पर अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए उसमें उन मामलों की जांच को भी शामिल कर लिया था, जिनकी जांच खासतौर से अवैध निर्माणों की जांच डायरेक्टर मध्य कमान डीएन यादव ने की थी। उन तमाम मामलों का संज्ञान सीबीआई ने ले लिया था। सूत्रों ने जानकारी दी कि सीबीआई द्वारा अवैध निर्माण के तमाम मामलों का संज्ञान लिए जाने के बाद कैंट बोर्ड से दो बार बुलेरो गाड़ी भरकर कागजात सीबीआई के गाजियाबाद स्थित कार्यालय को कैंट बोर्ड के अफसर पहुंचाने गए थे। एक बार नहीं बल्कि दो बार यहां से दो अफसर बुलेरों सरीखी गाड़ी में सत्यापित पेपरों को भरकर सीबीआई अफसरों को सौंपकर आए हैं।बोम्बे बाजार व सदर में अवैध निर्माण, मेरठ। पांच सौ से ज्यादा अवैध निर्माणों को लेकर मेरठ से दिल्ली डीजी ऑफिस व रक्षा मंत्री तक हो हल्ला होने के बाद भी मेरठ छावनी में अवैध निर्माण रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं। वर्तमान में जिन अवैध निर्माणों की सबसे ज्यादा चर्चा है उनमें कैंट बोर्ड से चंद कदम की दूरी पर बोम्बे बाजार स्थित बंगला 177 और सदर रंगसाज मोहल्ला में नक्शे के विपरीत चल रहा निर्माण शामिल है।
बोम्बे बाजार 177 में पहले रूकवाया गया था अवैध निर्माण:
सदर बोम्बे बाजार स्थित बंगला 177 में पूर्व में जब अवैध निर्माण शुरू किया गया था तो तब काफी हो-हल्ला मचा था। तत्कालीन सीईओ कैंट ने बोर्ड तक तब की इंजीनियरिंग सेक्शन हेड वे वो अवैध निर्माण रूकवा दिया थ।
उसके बाद से अरसे तक इस बंगले के इस पार्ट में अवैध निर्माण बंद रहा, लेकिन अब एक बार फिर से वहां दिन के उजाले में अवैध निर्माण शुरू करा दिया गया है। पहले और अब में कराए जा रहे अवैध निर्माण में फर्क केवल इतना है कि पूर्व में जब इस बंगले के इसी हिस्से में अवैध निर्माण कराया जा रहा था तो पूरी सावधानी अवैध निर्माण् कराने वाले बरत रहे थे, अब खुलेआम अवैध निर्माण जारी है।
ना कोई रोकने वाला ना कोई टोकने वाला:
बंगला 177 में चल रहे अवैध निर्माण को देखकर नहीं लगता कि अवैध निर्माण करने वालों को कैंट बोर्ड प्रशासन के ध्वस्तीकरण का खौफ है। यहां कैंट बोर्ड से ना कोई आता है ना जाता है ना कोई रोकता है ना कोई टोकता है, जिस स्थिति में यहां अवैध निर्माण कराया जा रहा है, ऐसा तभी होता है तब जब सेटिंग गेटिंग हो जाती है।
सीधी डीलिंग वाले कौन हैं बड़े साहब:
बोम्बे बाजार स्थित बंगला 177 में अवैध निर्माण को लेकर जब इस संवाददाता ने पड़ताल शुरू की तो सुनने में आया कि इस बार यहां अवैध निर्माण करने वालों ने किसी को मीडियेटर नहीं रखा। पूर्व में जब अवैध निर्माण शुरू कराया गया था तब कैंट बोर्ड से कथित सेटिंग का काम मीडियेटरों या बीच के दलालों पर छोड़ दिया बताया गया था, लेकिन इस बार सुनने में आया है कि जिन दलालों पर पूर्व में अवैध निर्माण को बगैर किसी रोकटोक के कराने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी, इस बार उन दलालों को बजाए जिम्मेदारी सौंपने के इस बार उनकी मार्फत सीधे बगैर किसी विध्र बाधा के जो अफसर अवैध निर्माण पूरा कराने की जिम्मेदारी ले सके, उससे बात कराने या कनेक्शन कराने की जिम्मेदारी सौंपी गयी। जिस अंदाज में काम चल रहा है, उसके बाद तो यही कहा जा सकता है कि जो कुछ सुनने में आ रहा है उसमें काफी हद तक सच्चाई हो सकता है। जो लोग यह कहते सुने जाते हैं कि इस बार डीलिंग सीधी कैंट के बड़े साहब से हो गयी है तो यह बात भी सच हो सकती है। कैंट बोर्ड का यह बड़ा साहब कौन है जिससे सीधी डीलिंग की चर्चा आम है, इसको लेकर कोई मुंह खोलने को तैयार नहीं है। डीलिंग हुई या नहीं यह मुद्दा नहीं है।
जांच व फटकार से बेफ्रीक कैंट बोर्ड के अफसर:-
असली मुद्दा तो यह है कि अवैध निर्माणों को लेकर रक्षा मंत्री, रक्षा सचिव, प्रधान निदेशक मध्य कमान, डायेरक्ट मध्य कमान डीएन यादव और पिछले दिनों आबूलेन स्थित बंगला 182 के अवैध निर्माण का जायजा लेने को मध्य कमान के एक और बड़े अफसर का मेरठ पहुंचना, इतना सब कुछ होने के बाद भी कैंट बोर्ड प्रशासन के बड़े अफसर जिस प्रकार से बेफिक्र नजर आते हैं। उससे कई सवाल उठ रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल तो यही कि क्या अवैध निर्माणों को लेकर मेरठ कैंट बोर्ड के अफसरों को रक्षा मंत्री, रक्षा सचिव, प्रिसिपल डॉयरेक्टर मध्य कमान लखनऊ और मेरठ दौर कर जा चुके डीएन यादव सरीखे मध्य कमान के डायरेक्टर स्तर के अफसरों का कोई खौफ नहीं रह गया है।
सदर रंगसाज मोहल्ले के अवैध निर्माण किस के इशारे पर:
बोम्बे बाजार बंगला 177 के अलावा सदर रंगसाज मोहल्ला में किसी अरहंत ज्वैलर्स का नक् शे के विपरीत निर्माण भी इन दिनों खासा चर्चित है। कैंट बोर्ड के सेनेट्री सेक्शन का मॉर्निग स्टाफ जो सफाई आदि के लिए तडके इस इलाके में पहुंचता है, सुनने में आया है कि उनके स्तर से इसकी शिकायत सेनेट्री सेक्शन हेड को कर दी गयी है। सेनेट्री सेक्शन हेड ने आगे इसकी रिपोर्टिग सीईओ और इंजीनियरिंग सेक्शन हेड को की या नहीं यह कहना तो जल्बाजी होगी, लेकिन जिस तरह से यहां अवैध निर्माण जारी है ऐसा बगैर सब कुछ तय होने के बाद ही आमतौर पर होता है।
सदर रंगसाज मोहल्ला में एक अरसे से अवैध निर्माण जारी है। आमतौर पर होता है कि जब भी कहीं अवैध निर्माण होता है तो कैंट बोर्ड का हथोडा दस्ता वहां जा धमकता है। एक ही झटके में ध्वस्तीकरण कर दिया जाता है, लेकिन रंगसाज मोहल्ले में मेन मार्केट में चल रहे नक्शे के विपरीत किए जा रहे निर्माण से क्यों बेखबर हैं।

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