बीएसए के लिपिक की आय से अधिक संपत्ति की जांच शुरू

काबिल को बना डाला डिफाल्टर
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बीएसए के लिपिक की आय से अधिक संपत्ति की जांच शुरू, बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के एक लिपिक प्रदीप बंसल की आय से अधिक संपत्ति मामले में शासन के निर्देश पर जांच शुरू कर दी गयी है। इससे पहले भी बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय का यह लिपिक नियुक्ति के एक साल के भीतर टंकड़ यानि टाइपिंग की परीक्षा उत्तीर्ण न किए जाने के मामले की जांच का सामना कर रहे हैं। बीएसए कार्यालय के इस लिपिक की शासन के आईजीआरएस पोर्टल पर विगत 10 जून को की गई थी। दस जून को प्रेषित इस पत्र में राधे श्याम गौड़ नाम के शख्स ने शासन को अवगत कराया है कि विगत तीन सालों से बीएसए कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार की लगातार शिकायत करता आ रहा है। उसने यह भी अवगत कराया है कि उसकी शिकायतों पर संज्ञान लेकर पूर्व में शासन स्तर से जितनी भी जांच सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज कार्यालय से आदेशित की गयी हैं उन सभी में मेरठ स्थित मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक कार्यालय की मार्फत बीएसए कार्यालय से जो जवाब तलब किया गया है, वह झूठ का पुलिंदा के अलावा कुछ भी नहीं है। जांच के नाम पर जो भी रिपोर्ट भेजी गयी है उसमें तमाम साक्ष्यो की अनदेखी की गयी है। शिकायत करने वाले से जांच करने वाले अधिकारी ने जो आरोप लगाए गए हैं उनके संदंर्भ में साक्ष्य तक नहीं मांगे न ही उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया। शिकायत करने वाले का आरोप है कि आय से अधिक संपत्ति मामले में उनकी शिकायत के संदर्भ में जो जांच की गयी है और मामले को निस्तारित बता दिया गया है, वह नितांत कोरा झूठ है। साथ ही यह भी अवगत कराया गय है कि बीते तीन साल में बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में बीएसए के रूप में कार्यरत रहे इकबाल अहमद, सतेन्द्र ढाका व योगेन्द्र कुमार का कार्यकाल में भ्रष्टाचार पराकाष्ठा की हद तक पहुंच गया। शिकायतकर्ता ने उसके संबंध में तमाम साक्ष्य होने का दावा किया है। साथ ही यह भ आरोप है कि भ्रष्टाचार संबंधित जो भी जांच शासन से वाया मेरठ स्थित मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक कार्यालय की मार्फत बीएसए कार्यालय आती हैं उन सभी को प्रदीप बंसल ही रिसीव करते हैं। कई बार तो शिकायत की जांच संबंधित पत्र कार्यारत बीएसए तक पहुंचने ही नहीं दिए जाते। इसी संबंध में एक पत्र विगत 23 फरवरी 2023 को भी सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज कार्यालय प्रषित किया गया था। लेकिन जांच के नाम पर केवल लीपापोती भर की गयी।

रमेश गिल भी कर चुके हैं शिकायत:

आय से अधिक संपत्ति मामले की एक शिकायत सिटी चर्च जूनियर हाई स्कूल के प्रबंधक/सचिव रमेश गिल पूर्व प्रधानाचार्य सेंट जोन्स भी कर चुके हैं। उन्होंने अपनी शिकायत में उन सभी संपत्तियों को ब्योरा बिस्तार से दिया है जो शिकायती पत्र में प्रदीप बंसल की बतायी गयी हैं, लेकिन वो संत्तियां रिश्तेदारों या नातेदारों अथवा परिचितों के नाम पर खरीदी गयी हैं।

जिलाधिकारी स्तर पर भी जांच:

शिकायत करने वाले राधे श्याम ने जिलाधिकारी को एक मामले से अवगत कराया था। जिसके बाद एसीएम सिविल लाइन कार्यालय से भी आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच की जानकारी राधे श्याम ने दी है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं कि जिलाधिकारी स्तर से करायी जा रही उस जांच का स्टेटस क्या है। वहीं दूसरी ओर एससीएम कार्यालय से पता चला है कि उक्त जांच के संबंध में 21 जनवरी 2023 को आराेपों के संबंध में बीएसए व प्रदीप बंसल से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

आईजीआरए पाेर्टल का बदला स्टेटस

इस संवाददाता ने जब शनिवार की सुबह उक्त मामले का स्टेटस जानने के लिए बताए गए नंबर का स्टेटस की जांच की तो उस समय आईजीआरए मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक कार्यालय में जांच का स्टेटस बता रहा था, लेकिन शनिवार की दोपहर करीब तीन बजे के बाद इसका स्टेटस बीएसए  कार्यालय को जांच कर रिपोर्ट मांगे जाने का स्टेट बताया गया।

वर्जन 

बीएसए कार्यालय के लिपिक के संबंध में कई शिकायतें पहले भी आयी हैं। उन सभी की जांच कर रिपोर्ट शासन को भेज दी गयी है। चार से पांच दिन पहले शासन से कोई जांच मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक कार्यालय को भेजी गयी हो उसकी जानकारी अभी मुझे नहीं है।

दिनेश कुमार यादव

मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक मेरठ


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