कैंट अफसरों का तस्करों से यह रिश्ता क्या कहलाता है

कैंट अफसरों का तस्करों से यह रिश्ता क्या कहलाता है
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कैंट अफसरों का तस्करों से यह रिश्ता क्या कहलाता है, कैंट बोर्ड के अफसरों का वन तस्करों से ये रिश्ता क्या कहलता है, यह सवाल इसलिए पूछा जा रहा है कि कैंट अफसरों की हरियाली का कत्ल करने वालों से साठगांठ कोई पहली बार सामने नहीं आयी है, बल्कि पहले भी अनेकों बार कैंट क्षेत्र खासतौर से भारत सरकार के जिन ओल्ड ग्रांट के बंगलों का जिम्मा सीईओ व डीईओ के पास है उनमें भी हरियाली का कत्ल किया जा चुका है।

कैंट अफसरों की लीपापोती

लालकुर्ति स्थित भारत सरकार के एक ऐसे ही बंगले में हरियाली के कत्ल मामले की जिस प्रकार से लीपापोती कर दी गयी वह किसी से छिपा नहीं है। वो मामला कापी उछला था, लेकिन ताजा मामला कैंट क्षेत्र डोगरा मंदिर मार्ग स्थित डीईओ के आधीन आने वाले बंगले में रविवार को हरियाली के कत्ल का है। यहां एक दो नहीं बल्कि करीब सौ बताए जा रहे हरे पेड़ काट दिए गए। डीएफओ का कहना है कि उनके यहां से पेड़ों की कटाई की अनुमति नहीं दी गयी है। वो सीधे इस मामले में कार्रवाई नहीं कर सकते, क्योंकि जिस बंगले में पेड़ों पर आरी चलायी गयी है वो बंगला कैंट प्रशासन के आधीन आता है। हालांकि उन्होंने जानकारी दी कि आरोपियों के खिलाफ उचित धाराओं में कानूनी कार्रवाई के लिए उन्होंने कैंट प्रशासन के अफसरों को मौखिक रूप से अवगत कराने के अलावा पत्र भी लिखे हैं। डीईओ के आधीन आने वाले बंगल में हरियाली के कत्ल का यह कोई पहला मामला नहीं है, बल्कि इस प्रकार की तमाम घटनाएं जिनमें हरियाली के कातिलों से कैंट अफसरों का यह रिश्ता क्या कहलाता है सरीखे मामले सामने आए हैं। इस पूरे मामले की शिकायत ज्योतिष वैज्ञानिक भारत भूषण द्वारा की गयी थी। वन माफियाओं ने रविवार छुट्टी के दिन को अपने कारनामे को अंजाम देने के लिए मुफीद माना और कारनामा अंजाम भी दे डाला। बकौल भारत भूषण जो भी लोग मौके पर मिले थे, उन्हें कैंट प्रशासन के अधिकारियों ने पुलिस को फोन काल्स कर छुडवा दिया। इसके क्या मायने समझे  जाएं। कैंट अफसरों का तस्करों से ये रिश्ता क्या कहलाता है।

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