कैंट बोर्ड-मान लिया बैक डेट में पेमेंट, कैंट बोर्ड मेरठ के डोर टू डोर ठेकेदार को पेमेट में घोटाला यानी बैक डेट में पेमेंट किए जाने के आरोपों पर मोहर लग गयी है। यह बात मान ली गयी है। लेकिन इस स्वीकरोक्ति ने कैंट अफसरों की कारगुजारियों से पर्दा उठा दिया है। डोर टू डाेर का ठेका हुआ 9 अगस्त 2021 को और ठेकेदार को लाभ पहुंचाने और सरकारी खजाने को चूना लगाने को पेमेंट बैक डेट यानि पहली अप्रैल से कर दी गयी। इस प्रकार का घपला शायद ही देश की किसी अन्य छावनी में किया गया हो। लेकिन यह हो गया। यह बात इसलिए कही जा रही है क्योंकि इस मामले में सीईओ के नोटिस पर सेनेट्री सेक्शन हेड ने जो उत्तर दिया है उसमें कहा गया है कि ठेकेदार को बैक डेट में पेमेंट की पटकथा इंजीनियरिंग सेक्शन के एई के कंप्यूटर पर लिखी गयी है, जिस पर साइन भी बैक डेट में किए गए हैं। यहां यह भी स्पष्ट किया जाना जरूरी है कि कोई भी एक ऐसा नहीं जिसने बैक डेट में साइन पर आपत्ति की हो। पेमेंट के लिए जिन भी अफसरों के साइन चाहिए उन सभी ने साइन बैक डेट में कर दिए। सुनने में आया है कि इसको लेकर दफ्तर में ही इजीनियरिंग सेक्शन व सेनेट्री सेक्शन हेड में भिड़त भी हो गयी। दरअसल सेनेट्री सेक्शन की नाराजगी इस बात को कम है कि बैक डेट में ठेकेदार को भुगतान की बात खुल गयी। नोटिस मिल गया। फजीहत हो गयी, उनकी नाराजगी की असली वजह जो सुनने में आयी है वो यह कि गाज या कार्रवाई केवल सेनेट्री सेक्शन पर ही क्यों जबकि बैक डेट में जो पेमेंट हुआ उसका एई के कंप्यूटर पर तैयार किया गया तो फिर इंजीनियरिंग सेक्शन के एई को क्लीनचिट या कहें उनसे जवाब तलब क्यों नहीं। ये रिश्ता क्या कहलाता है। वहीं दूसरी ओर विधि विशेषज्ञ या फिर कहें केन्टोनमेंट के आडिट की जानकारी रखने वालों का कहना है कि राजस्व सरीखे घोटाले को रक्षा मंत्रालय में बेहद गंभीरता से लिया जाता है। कमांड से बड़ी कार्रवाई तय है।