कैंट बोर्ड: 75 करोड़ फिर भी बदहाल, कैंट बोर्ड मेरठ को 75 करोड़ की एक बड़ी रकम मिलने जा रही है, लेकिन इतनी बड़ी रकम मिलने के बाद भी मेरठ छावनी क्षेत्र के बाजार एरिया के बाशिंदे किसी प्रकार के विकास के कामों की उम्मीद कैंट बोर्ड प्रशासन से न रखें। बाजार एरिया की सड़कों की बदहाली किसी से छिपी नहीं हैं। कुछ सड़कों की हालत तो इतनी बद से बदत्तर है कि उन्हें देखकर यकीन ही नहीं होगा कि छावनी इलाके में ऐसी भी सड़कें हो सकती हैं, लेकिन मेरठ छावनी के बाजार एरिया इलाके की सड़कें कैंट बोर्ड प्रशासन की उदासीनता की पोल खोल रही हैं। वहीं दूसरी ओर अब 75 करोड़ की रकम की बात कर ली जाए जो आरआरटीएस से मिलने जा रही है। मेरठ टू दिल्ली रैपिड रेल प्रोजेक्ट के लिए छावनी क्षेत्र की जो जगह इस प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित की गई है, उसके मुआवजे के तौर पर कैंट बोर्ड प्रशासन को 75 करोड़ की बड़ी रकम मिलेगी, लेकिन इस रकम से क्षेत्र के विकास के बजाए फिलहाल तो बंदरबाट की बू आ रही है। स्टाफ के सूत्रों की मानें तो इस रकम को लेकर उत्साहित कैंट बोर्ड के इंजीनियरिंग सेक्शन के अधिकारियों ने 75 करोड़ को ठिकाने लगाने का पूरा खाका तैयार कर लिया है। इस रकम से छावनी बाजार एरिया की सड़कों की सेहत दुरूस्त किए जाने के बजाए उन सड़कों को चिन्हित किया गया है जो पहले से बेहतर हालत में हैं या यूं कहें कि जिनको छेड़ने की फिलहाल जरूरत नहीं है। जरूरत की यदि बात की जाए तो बाजार एरिया की सड़कों को इस रकम ज्यादा जरूरत है। लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है, अपने चहेते ठेकेदारों की मदद से फिलहाल तो रकम को ठिकाने लगाने के प्लान पर काम चल रहा है। हैरानी तो इस बात की है कि जिन बाजार एरिया की सड़कों की स्थिति खराब हैं, वहां के मैंबर भी मुंह खोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। अब तो सांसद विधायक से ही उम्मीद बाकि है।