कैंट बोर्ड: बड़ी घटना की आहट

कैंट बोर्ड: सीबीआई के शिकंजे की आहट
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कैंट बोर्ड: बड़ी घटना की आहट, कैंट बोर्ड मेरठ में जो कुछ अब तक घटित हो चुका है क्या उससे भी इतर कुछ और बड़ा घटित हो सकता है। नैपथ्य से कुछ ऐसी ही आहटें सुनाई देने लगी हैं। मेरठ कैंट बोर्ड की यदि बात की जाए तो इसका पिछला काफी कार्यकाल बेहद उथल-पुथल भरा रहा है। केंद्रीय जांच ब्यूरो यानि सीबीआई से तो मेरठ कैंट बोर्ड के संग अब चोली दामन का साथ नजर आता है। ऐसा लगता है कि मानों सीबीआई  कैंट बोर्ड मेरठ की कुंडली में आकर बैठ गयी हैं। सीबीआई का कैंट बोर्ड की कुंडली में आकर यूं बैठ जाना स्टाफ के उन कर्मचारियों के लिए मुसीबत का सबव बना है जिनका कनेक्शन किसी न किसी कारण से सीबीआई से जुड़ गया है। सेनेट्री सेक्शन में भर्ती घोटाले के नाम पर गिरफ्तारी के जख्म अभी भरने शुरू भी नहीं हुए थे कि तीन दिन पहले सीबीआई ने कैंट बोर्ड में एक बार फिर धमाकेदार एंट्री ली। हालांकि पहले से ही  इसकी आहट  सुनाई दे रही थी। इससे पहले रक्षा मंत्रालय को कैंट बोर्ड के तमाम सेक्शनों से जुड़ी शिकायत का भेजा जाना और मध्य कमान लखनऊ से डायरेक्टर डा. डीएन पांडेय का जांच के लिए मेरठ छावनी आना। डा. डीएन पांडेय की जांच रिपोर्ट का ही संज्ञान लेते हुए पिछले दिनों सीबीआई ने एंट्री मारी है। इस एंट्री के साइड इफैक्ट आने अभी बाकि हैं। इस सब के बीच कैंट बोर्ड के सीईई रहे अनुज सिंह के पक्ष में हाईकोर्ट की लखनऊ बैंच का फैसला आना भी कैंट बोर्ड के लिहाज से कोई कम बड़ी खबर नहीं।  लखनऊ बैंच का फैसला क्या हालात पैदा करता है और क्या रंग आने वाले दिनों में नजर आएंगे, यह भी दिलचस्पी पैदा कर रहा है। इतने बड़े घटनाक्रमों के अलावा कैंट बोर्ड में माई माह में कुछ बड़ी और परिवर्तनकारी खबरों की आहट अभी से सुनाई देने  लगी है। मई माह में परिवर्तन का जो संभावित घटनाक्रम सुनने में आ रहा है, उसके क्या साइड इफैक्ट होंगे। स्टाफ के कौन कौन का सूर्य उदय और  किनका सूर्य अस्त होगा इसका भी अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। लेकिन यदि परिवर्तमानकारी घटाक्रम होगा तो यह भी तय है कि उसके साइड इफैक्ट भी होेगे। कैंट बोर्ड की वर्तमान जो उलझी हुई स्थिति है उसके चलते यहां पिच पर टिके रहना कोई आसान काम नहीं है। इन्हें सबके चलते आने वाले दिनों में परिवर्तनकारी घटनाक्रम की आहट सुनाई देने लगी है। इसको लेकर मई माह में तस्वीर पूरी तरह से साफ हो जाएगी।  लेकिन यह भी तय है कि यदि परिवर्तन का अनुमान सही साबित हुआ तो कुछ के लिए इसका कष्टकारी होना भी संभव है।

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