कैंट बोर्ड: CEO के आदेश हवा में उड़ाए

कैंट बोर्ड: रोड निर्माण की जांच
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कैंट बोर्ड: CEO के आदेश हवा में उड़ाए, अवैध निर्माणों को लेकर मेरठ कैंट बोर्ड का इंजीनियरिंग सेक्शन कितना गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सीईओ कैंट के आदेश तक हवा में उड़ा दिए गए। ऐसा ही एक मामला वेस्ट एंड रोड बंगला नंबर 219 का है। इस केस में सेनेट्री सेक्शन के सेनेट्री सुपरवाइजर पुजेश लोहरे की रिपोर्ट व तत्कालीन सीईओ प्रसाद चव्हाण के कार्रवाई के आदेशों के बाद भी कार्रवाई किए जाने के बजाए एई ने आदेश ही हवा में उड़ा दिए। बंगला 219 में बगैर किसी नक्शे व अनुमति के बनाया गया स्वीमिंग पूल व आलिशान रिहायशी भवन आज भी कैंट बोर्ड प्रशासन के अवैध निर्माण के खिलाफ मुहिम की पोल खोलता प्रतीत होता है। हैरानी तो इस बात कि है  मौके पर खुद पहुंचकर निरीक्षण के बाद सीईओ प्रसाद चव्हाण ने इंजीनियरिंग सेक्शन को मामले में कार्रवाई के आदेश दिए थे, लेकिन उनके आदेशों के बावजूद एई व जेई हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे और आज  भी वो अवैध निर्माण जस का तस मौजूद है। ऐसा क्यों किया गया इसका उत्तर तो केवल इंजीनियरिंग सेक्शन हेड एई ही दे सकते हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि 219 के अवैध निर्माण का कनेक्शन तब के बोर्ड की एक महिला सदस्य के पति व पुत्र से है। उनसे इंजीनियरिंग सेक्शन का यह रिश्ता क्या कहलाता है जो सीईओ के आदेश तक हवा में उड़ा दिए गए, इसका जवाब यदि कमांडर स्तर से कोई जांच करायी जाए तो संभवत दूध का दूध पानी का पानी हो जाए। लेकिन अवैध निर्माण पर कार्रवाई के मामलों में फिलहाल तो इंजीनियरिंग सेक्शन ही सीईओ पर भारी नजर आ रहा है, जिसकी वजह से पूरा कैंट क्षेत्र अवैध निर्माणों से गुलजार है।

क्या कमांडर स्तर से जांच संभव 

इस मामले में पूछा जा रहा है कि कैंट बोर्ड अध्यक्ष व कमांडर या फिर सीईओ के स्तर से 219 के अवैध निर्माण की जांच संभव है। एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने जानकारी दी कि इसकी जांच के लिए उन्होंने कमांडर को पत्र लिखा है।

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