कैंट बोर्ड: दिल में तूफान सा क्यों है

कैंट बोर्ड: रोड निर्माण की जांच
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कैंट बोर्ड: दिल में तूफान सा क्यों है, भर्ती घोटाले के चलते सीबीआई का छापा और सुपरवाइजर संजय की गिरफ्तारी के बाद कैंट बोर्ड और उसके साहब लोग ऊपर से भले ही शांत दिखने की कोशिश कर रहे हों, लेकिन यह सब इतना आसान भी नहीं लग रहा जितना जाहिर करने का असफल प्रयाास किया जा रहा है।  स्टाफ में भी सुगबुगाहट है कि शांत दिखने की कोशिश भर है, जबकि बड़े साहब और उनके कुछ करीबी जिनकी पहचान मेरठ कैंट बोर्ड ही नहीं देख भर के तमाम छावनियों में कमांऊ पूत की बन गयी है, उनकी बॉडी लैग्वेज बता रही है कि भीतर ही भीतर खौफ के दम घोटू धुंए से बेहाल हैंं। अपुष्ट सूत्रों की मानें तो सीबीआई के छापे के बाद भर्ती घोटाले से जुड़े कुछ किरदारों के सेहत भी अब साथ छोड़ने लगी है। सीबीआई के हाथों गिरफ्तार कर जेल भेजे गए सुपरवाइजर संजय के खुलासों के बाद भर्ती घोटाले के तमाम किरदारों को अब सरकारी मेहमान बनने का खतरा सता रहा है। शायद यही वजह है जो एक साहब तो कैंट बोर्ड में महज हाजरी लगाकर इसलिए गायब हो जाते हैं कि कहीं सरकारी मेहमान बनने की संजय के बाद उनकी बारी न जा जाए। वैसे जानकार  इस पूरे भर्ती कांड के असली खलनायक ओएस को मानकर चल रहे हैं। सुनने में आ रहा है कि इंजीनियरिंग सेक्शन के बड़े साहब सरीखा रूतबा हासिल करने के की आपा-धापी में ओएस अपने हाथ जला बैठे। उनकी यही चूक बोर्ड के बड़े साहब से लेकर खुद उनको और इस भर्ती घोटाले से जुड़े अन्य किरदारों को भी भारी पड़ने जा रही है। भर्ती कांड़ में कौन कितना बड़ा गुनाहगार है यह तो संजय या फिर संजय से पूछताछ कर उसे जेल भेजने वाली सीबीआई के अफसर ही बता सकते हैं, लेकिन इतना तय माना जा रहा है कि जिन किरदारों के तार जुड़े हैं उनका सरकारी मेहमान बनना तय है। अपुष्ट सूत्रों ने जो एक बड़ी खबर दी है वो इंजीनियरिंग सेक्शन के लिए अशुभ हो सकती है, वो यह है कि बोर्ड के भ्रष्टाचार की जांच के नाम पर एंट्री ले चुकी सीबीआई की जांच का दायरा आने वाले दिनो में बढ़‍ना तय माना जा रहा है।

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