कैंट बोर्ड: हो जाता ट्रेड लाइसेंस का रिप्ले, यदि सब कुछ तय शुदा साजिश के तहत हाेता तो गुरूवार को हुई मेरठ कैंट बोर्ड की बैठक में एक बार फिर होटल 22बी ट्रेड लाइसेंस कांड़ सरीखा एक ओर कारनामा अंजाम दे दिया जाता, लेकिन समय रहते इस साजिश को बेपर्दा कर दिया गया। पूरे मामले के बेपर्दा होने के बाद सब एरिया कमांडर व कैंट बोर्ड अध्यक्ष इस कृत्य से सख्त नाराज बताए जाते हैं। जानकारों की मानें तो कमांडर की नाराजगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बोर्ड बैठक में उन्होंने कठोर लहजे में यहां तक टिप्पणी कर डाली कि उनके नाम पर दस-दस लाख की उगाही की जा रही है। अब इस पूरे कांड़ और खुलासे की क्रोनोलॉजी पर बात कर ली जाए। हाईकोर्ट के आदेश पर सील 22बी को ट्रेड लाइसेंस के लिए जिस तर्ज पर कैंट बोर्ड के इंजीनियरिंग व सेनेट्री सेक्शन ने साजिश की थी, उसी तर्ज पर नगर निगम क्षेत्र में बने हीरा स्वीट्स को कैंट क्षेत्र की सरकारी जमीन पर पार्किंग देने की साजिश की पठकथा लिखी गई थी। सब कुछ तयशुदा था, जिस प्रकार से 22बी के ट्रेड लाइसेंस के लिए मोटी रकम ली गई थी, उसी तर्ज पर हीरा स्वीट्स प्रकरण में भी भारी भरकम रकम वसूल ली गयी है। इसके अलावा 22बी को ट्रेड लाइसेंस के लिए जिस प्रकार से फाइलों के बीच पेपर रखकर साइन करा लिया गया था, वैसा ही इस बार किया जाना था, लेकिन बोर्ड बैठक से पहले ही विस्फोटक खुलासा होने की वजह से सरकारी जमीन को खुर्दबुर्द करने की साजिश धरी की धरी रह गयी। 22बी और हीरा स्वीट्स दोनों ही कांड़ में सिर्फ किरदारों का फर्क भर रहा, वर्ना पटकथा एक ही कलम से लिखी गयी थी। 22बी कांड की पटकथा में इंजीनियरिंग व सेनेट्री सेक्शन शामिल था और हीरा स्वीट्ए में बोर्ड की महिला मेंबर पुत्र व रेवेन्यू सेक्शन के एक स्टाफ की जुगलबंदी शामिल थी।कार्रवाई का तो पता नहीं, लेकिन पूर्व महिला सदस्य पुत्र की इमेज जरूर तार-तार हो गई।