चार बैंकों दो मैनेजरों पर एफआईआर

चार बैंकों दो मैनेजरों पर एफआईआर
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चार बैंकों दो मैनेजरों पर एफआईआर, विगत 8 मई को दो बैंकों पर मुकदमें के बाद थाना सिविल लाइन में और चार बैंकों व दो ब्रांच मैनेजरों पर एफआईआर दर्ज हुई है। इस कार्रवाई से बैकों में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं यह भी सवाल पूछा जा रहा है कि सरकारी बैंकों कैश में नकली नोट कहां से शामिल हो रहे हैं। दरअसल में  नकली नोट मामले में थाना सिविल लाइन में चार बैंकों के खिलाफ पांच मुकदमे दर्ज हुए हैं। गौरतलब है कि करीब एक माह पूर्व भी दो बैंकों पर थाना सिविल लाइन में मुकदमें दर्ज कराए जा चुके हैं। यह पूरा मामला आरबीआई के कानपुर स्थित चेस्ट में मेरठ के बैंकों से जाने वाले कैश में नकली नोटों के निकलने से जुड़ा हुआ है। कानपुर चेस्ट में पिछले काफी समय से जो नकदी मेरठ से भेजी जा रही है, उसमें नकली नोटों की संख्या में तेजी से इजाफ हो रहा है। एफआईआर की कार्रवाई आरबीआई कानपुर के अफसर की तहरीर पर की गयी है। आरबीआई अफसरों की चिंता की बड़ी वजह बैंकों के कैश में नकली नोटों को खपाने का प्रयास है। तमाम सरकारी व निजी बैंकों में नकली नोटों की जांच व उनको पकड़ने के सभी प्रकार के माकूल इंतजाम किए गए हैं। इसके बावजूद यदि बैंकों से भेजे जा रहे कैश में नकली नोट मिल रहे हैं तो फिर परेशानी का कारण है। इसको लेकर आरबीआई के स्तर से कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है। जांच का दायरा बढाया गया है। माना जा रहा है कि उसके बाद ही दो बैंकों के ब्रांच मैनेजर पर एफआईआर लिखी गयी है।

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