चिली के राजदूत पहुंचे IIMT

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चिली के राजदूत पहुंचे IIMT- मेरठ। चिली के राजदूत जुआन अंगुलो और तीसरी सचिव व काउंसिल अमरंत वंदेपरे ने आईआईएमटी विश्वविद्यालय पहुंच कर छात्रों से संवाद किया। छात्रों के साथ अपने देश और भौगोलिक परिस्थितियों को साझा करते हुए राजदूत जुआन ने छात्रों के सवालों का बेबाकी से जवाब भी दिया। भारत को 73 साल पुराना दोस्त बताते हुए राजदूत ने बताया कि भारत के साथ सभी क्षेत्रों में व्यापार और शिक्षा के जगत में रिश्तों को और आगे बढ़ाने की जरूरत है। इस मौके पर आईआईएमटी विश्वविद्यालय और चिली के बीच शिक्षा और शोध के विषय में विनिमय को लेकर सकारात्मक वार्ता भी हुई। चिली के राजदूत  ने छात्रों को अपने देश की परिस्थितियों और संभावनाओं के बारे में विस्तार से बताया। विश्व विद्यालय की मुख्य बिल्डिंग में सेमिनार हॉल में छात्रों और शिक्षकों ने राजदूत जुआन अंगुलो और थर्ड सेक्रेटरी और काउंसिल अमरंद वंदेपरे का स्वागत किया। वरिष्ठ शिक्षक एकता शर्मा ने छात्रों को चिली की भौगोलिक और सांस्कृतिक झलकियों का परिचय देते हुए राजदूत और थर्ड सेक्रेटरी का स्वागत किया।  शिक्षिका वत्सला तोमर ने अतिथियों का परिचय छात्रों से कराया। राजदूत ने छात्रों से सीधे संवाद करते हुए चिली में हालिया दौर में जारी सियासी बदलावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने नए राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए बताया कि सिर्फ 36 साल के गेब्रियल चिली के अभी तक के सबसे कम उम्र राष्ट्रपति बने हैं। उन्होंने गेब्रियल के मंत्रिमंडल और आम जनमानस पर इसके प्रभाव को बारीकी से समझाते हुए इसे चिली के इतिहास में एक नया अध्याय करार दिया।
भारत के साथ आर्थिक, सांस्कृतिक, सामरिक, शैक्षणिक और व्यापारिक संबंधों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए जुआन अंगुलो ने बताया कि भारत चिली का 73 साल पुराना दोस्त है। 1947 में भारत आजाद हुआ था और 1949 में ही भारत में चिली का दूतावास बना दिया गया था। तभी से भारत के साथ चिली का सहयोग का रिश्ता रहा है।
सेमिनार हॉल के बाद राजदूत ने आईआईएमटी विश्वविद्यालय परिसर और शोध विभाग में जाकर इन्क्यूबेटर का सर्वेक्षण भी किया। प्रो वाइस चांसलर डॉ सतीश बंसल ने राजदूत जुआन अंगुलो और काउंसिल अमरंद वंदेपरे को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन एकता शर्मा ने सफलता पूर्वक किया।


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