चोरी और सीना जोरी का आरोप, देश भर के बनियों में बड़ी पहचान रखने वाले रधुनंदन प्रसाद ज्वैलर्स की साख तार-तार करने का काम किसी अन्य ने नहीं बल्कि उनके अपनों ने किया है. दरअसल रधुनंदन सर्राफ के पुत्र राकेश अग्रवाल आदि के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का आदेश अदालत से जारी हुआ है. मुकदमा भी ऐसा जिसमें एफआईआर दर्ज होने के बाद राकेश अग्रवाल और उनके भाई सत्यप्रकाश अग्रवाल के अलावा विनीता पत्नी सत्य प्रकाश अग्रवाल, दिनेश गुप्ता पुत्र देवेन्द्र नाथ तथा बैंक ऑफ इंडिया की मेरठ स्थित बेगमब्रिज शाखा के प्रबंधक अर्जुन कुमार जैन का जेल जाना तय है. जेल गए उसके बाद जमानत करा ली और फिर छुट्टी. लेकिन यह मामला ऐसा नहीं है. एडवोकेट मनोज सेन निवासी थाना सिविल लाइन साकेत की ओर से दायर की गयी याचिका की सुनवाई के बाद अदालत में जिन धाराओं में उक्त के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने के आदेश दिए हैं, उसमें जमानत कराना मानों आसमान से तारे तोड़कर लाना. और इस युग में तारे तोड़ना तो दूर की बात कोई ऐसी बातें भी करेगा तो जग हंसाई के अलावा कुछ नहीं. एडवोकेट मनोज सेन ने बताया कि रधुनंदन सर्राफ के पुत्र राकेश व सत्य प्रकाश तथा इसी परिवार की विनीता पत्नी सत्य प्रकाश के अलावा दिनेश गुप्ता व शाखा प्रबंधक, ये सभी साकेत एलआईसी के पीछे स्थित फ्लैट में साझीदार हैं. इनके अलावा भाजपा के एक अन्य बड़े नेता भी इस सौदे में साझीदार हैं. बकौल एडवोकेट मनोज सैन राकेश व सत्य प्रकाश समेत बाकि साझीदारों पर एक मोटी रकम निकलती है. जब तय मियाद के बाद भी रकम नहीं मिली तो तकादों का सिलसिला शुरू हुआ, यह सिलसिला इतना लंबा हो गया कि खत्म होने के नाम ही नहीं ले रहा था. एडवोकेट मनोज सेन का कहना है कि अंत में उक्त सभी साझेदारों ने दो टूक कह दिया कि न तो फ्लैट देंगे और न ही बकाया रकम देंगे जो किया जा सकता है कर लीजिए. एडवोकेट मनोज सेन बताते हैं कि उनके साझीदारों को जेल जाने से भी गुरेज नहीं. उसके बाद ही थक हारकर एडवोकेट मनोज सेन पुलिस से मदद की उम्मीद कर बैठे, लेकिन यहां से भी उन्हें मदद की कोई सूरत नहीं नजर आयी. तब थक हारकर अदालत की शरण ली गई और अदालत से एडवोकेट मनोज सेन को राहत और उनके साझीदारों के लिए आफत भरा आदेश जारी कर दिया गया. उक्त सभी के खिलाफ एससीएसटी एक्ट समेत तमाम गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कराने के आदेश अदालत ने कर दिए हैं. इस संबंध में जब रधुनंदन सराफ परिवार के राकेश अग्रवाल ने बात की गयी तो उनका कहना था कि मामले की पूर्व में भी पुलिस एक जांच कर चुकी है. जो आरोप लगाए गए हैं वो पुलिस जांच में एक सिरे से खारिज हो चुके हैं, वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं.