क्षय रोग मुक्त हो ग्राम पंचायतें

क्षय रोग मुक्त हो ग्राम पंचायतें
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क्षय रोग मुक्त हो ग्राम पंचायतें, मेरठ। जनपद में शुक्रवार को विश्व टीबी दिवस मनाया गया। इस दिवस पर सभी स्वास्थ्य केंद्रों और उपकेन्द्रों पर तपेदिक यानि क्षय रोग के बारे में लोगों को जागरूक किया गया। इसी क्रम में जिला मुख्यालय पर और स्कूलों में प्रभात फेरी निकली गई। अधिकतर शैक्षणिक संस्थानों में इस बीमारी के लक्षण और इलाज के बारे में जागरूक किया गया। जिला मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा़ अखिलेश मोहन ने कहा कि वर्ष 2025 तक जनपद समेत पूरे देश से क्षय रोग समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित है। इसी क्रम में शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में जागरूकता संबंधी विविध गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। आज टीबी इकाइयों, डेजिग्नेटेड माइक्रोस्कोपिक सेंटर और गांवों में सामुदायिक स्तर पर जनप्रतिनिधियों की अध्यक्षता में मैजिक शो, नुक्कड़ नाटक व अन्य जागरूकता कार्यक्रमआयोजित किए जा रहे हैं। अब हमारा प्रयास क्षय रोग मुक्त ग्राम पंचायतें बनाना है। उन्होंने कहा कि आज वर्ड टीबी डे मनाने का उद्देश्य ही यही है कि लोगों को इस बीमारी के बारे में पूरी तरह जागरूक किया जाए और लक्षण वाले या संक्रमित व्यक्ति का तत्काल इलाज शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि बताया कि इस साल विश्व क्षय रोग दिवस की थीम है, हां! हम टीबी खत्म कर सकते हैं। यह थीम तभी सार्थक होगी। जब इस रोग की समाप्ति के लिए समाज का हर व्यक्ति सहयोग करे। अधिकाधिक लोग निक्षय मित्र के रूप में क्षय रोगियों को गोद लें और उन्हें क्षय रोग से स्वस्थ बनाने में सहयोग करें।  हर माह की 15 तारीख को आयुष्मान भारत हैल्थ एवं वेलसनेस सैटंर पर एकीकृत निक्षय दिवस मनाया जा रहा है। इन दिवस पर तत्काल जांच और तत्काल इलाज शुरू करने की व्यवस्था है।  मेडिकल कालेज,   जिला चिकित्सालय , जिला क्षय रोगकेन्द्र सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों समेत 42 स्थानों पर टीबी की जांच की सुविधा उपलब्ध है। ड्रग्स रजिसटेंसट टीबी की जांच के लिए अत्याधुिनक 4 ट्रूनाट मशीन , चार सीबी नॉट मशीन और मेडिकल कालेज में सीडीएसटी लैब की सुविधा उपलब्ध है। क्षय रोग के नोडल अधिकारी डा गुलशन राय ने बताया कि किसी व्यक्ति में क्षय रोग की पुष्टि हो जाने पर मरीज को 500 रुपए पोषण राशि दी जाती है। यह राशि निक्षय योजना के तहत मिलती है।  2022 तक अब 9053 लोगों को 2.14 करोड रुपए उनके बैंक खाता में भेजे जा चुके हैं। वहीं वर्ष 2022 में 13023 टीबी मरीज खोजे गए और 87 प्रतिशत मरीज टीबी से पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। मरीजों का उपचार चल रहा है। 2023 में अब तक मरीज 8209 मरीजों को उपचार चल रहा हैं। 2023 मार्च में 3087 मरीज खोजे गये है। जिसमें में 1887 सरकारी और 1202 निजी अस्पतालो में खोजे गये है। जबकि 255 निक्षय मित्रों ने 2023 में 414 मरीजों को गोद लिया है। नोडल अधिकारी ने जनपदवासियों से सक्षम लोगों और संस्थाओं से टीबी मरीजों को गोद लेने की अपील की है। इस माौके पर डिप्टी डीटीओ डा विपुल कुमार , वरिष्ठ टीबी प्रवेक्षक अजय सक्सेना , िजला समन्वयक नेहा सक्सेना, पीपीएम शबाना बेगम , बीसीजी टेक्नीिशयन डा अंजु गुप्ता ,पीएमडीटी प्रोग्राम ड्रग्स रेजीटेंस टीबी कोडिनेंटर पविन्द्र यादव आिद माौजूद रहे।

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