कांग्रेस पर दावेदारों का टोटा, उत्तर निकाय चुनाव में परचम फहराने के कांग्रेसी दावों में कितना है दल है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मेरठ में नगर निगम के चुनाव में पार्टी को लड़ाने के लिए उम्मीदवार तक नहीं मिल रहे हैं। मेरठ नगर निगम में 90 वार्ड हैं और चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों के महज 49 आवेदन आए हैं। गुरूवार सुबह दस बजे तक पार्टी कार्यालय से 49 आवेदन मिलने की जानकारी इस संवाददाता को दी गयी। इसके इतर महापौर पद के लिए कुल सात नाम जिनमें धूम सिंह गुर्जर, सुरेन्द्र सैनी, संशय वर्मा, इरफान सैफी, नौशाद सैफी, प्रदीप सैनी व एक अन्य का नाम बताया गया। इनके अलावा विधानसभा चुनाव में मात्र 21 सौ वोट लेकर अपनी जमानत जब्त करा चुके नफीस सैफी के भी दावेदारी की सुगबुगाहट है, हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि चंदन भवन कांग्रेस कार्यालय से नहीं हुई है। लेकिन पता चला है कि एक दिन पहले मसलन बुधवार को जब पार्टी के पर्यवेक्षक मेरठ में थे तो एकाएक नफीफ सैफी के भी महापौर के टिकट के लिए दावेदारी की अटकलें सुनाई देने लगीं। यह कोई पहली बार नहीं है जब निकाय चुनाव में मेरठ कांग्रेस को उम्मीदवारों का टोटा पड़ गया है। साल 2017 में हुए निकाय चुनाव में भी मेरठ में कांग्रेस को नगर निगम के सभी 90 वार्ड में प्रत्याशी नहीं मिल पाए थे। साल 2017 में हुए निकाय चुनाव में कांग्रेस करीब 69 वार्ड में ही प्रत्याशी उतार पायी थी। इनमें से भी मात्र दो प्रत्याशी रंजन शर्मा और इकराम चौधरी ही कांग्रेस की लाज बचा पाए थे बाकि में से 90 फीसदी की तो जमानत ही जब्त हो गयी थी। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि निकाय चुनाव में कांग्रेस के दावे जमीनी हकीकत से कितने दूर हैं। कांग्रेस को केवल उम्मीदवारों की कमी का सामना ही नहीं करना पड़ रहा है, बल्कि जहां तक चुनावी रणनीति की बात है तो उसमें भी अभी कांग्रेस पीछे नजर आती है। अभी तक केवल आवेदन ही मांगे जा रहे हैं। 16 अप्रैल आवेदन दाखिल करने की अंतिम तिथि है। इसके अलावा चुनाव संचालन समिति का भी कुछ पता नहीं है। हां इतना जरूर है कि कांग्रेस चुनाव के नाम पर समीक्षा बैठकें कर रही है जिनमें आला कमान के पर्यवेक्षक पहुंच रहे हैं।