कस्टडी डेथ में गुूजरात अव्वल

कस्टडी डेथ में गुूजरात अव्वल
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कस्टडी डेथ में गुूजरात अव्वल, नई दिल्ली:  देश भर के राज्यों में पुलिस कस्टडी में होने वाली मौतों के मामले में देश का गुजरात राज्य सबसे अव्वल है। केंद्रीय गृह मंत्रालय में राज्यसभा को सूचित किया है कि पिछले पांच सालों में हिरासत में मौतों की सबसे अधिक संख्या गुजरात में रही है. एक अंग्रेजी दैनिक की रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्रालय ने बताया है कि इस दौरान गुजरात में 80 मौतें हुई हैं. इसके बाद महाराष्ट्र (76), उत्तर प्रदेश (41), तमिलनाडु (40) और बिहार (38) का नंबर आता है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा को सूचित किया कि वर्ष 2017-18 के दौरान पुलिस हिरासत में मौत के 146 मामले सामने आए, वर्ष 2018-19 में 136, वर्ष 2019-20 में 112, वर्ष 2020-21 में 100 और वर्ष 2021-22 में 175 मामले रिपोर्ट किए गए. ‘वर्ष 2017-18 में गुजरात में पुलिस हिरासत में 14 मौतें रिपोर्ट की गईं, वर्ष 2018-19 में 13, वर्ष 2019-20 में 12, वर्ष 2020-21 में 17 और वर्ष 2021-22 में 24 मौतें रिपोर्ट की गईं.’  नौ केंद्र शासित प्रदेशों में पिछले पांच वर्षों में हिरासत में मौक की सबसे अधिक घटनाएं दिल्ली में हुईं, जिनकी संख्या 29 रही. इसके बाद जम्मू कश्मीर का नंबर आता है, जहां 4 मौत हुईं.  ‘महाराष्ट्र में वर्ष 2017-18 में पुलिस हिरासत में 19 मौतें दर्ज की गईं, वर्ष 2018-19 में 11, वर्ष 2019-20 में 3, वर्ष 2020-21 में 13 और वर्ष 2021-22 में 30 मौतें दर्ज की गईं. उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017-18 में 10 मौतें, वर्ष 2018-19 में 12 मौतें, वर्ष 2019-2020 में तीन मौतें, वर्ष 2020-21 में आठ मौतें और वर्ष 2021-22 में आठ मौतें हुईं.’ ‘तमिलनाडु में वर्ष 2017-18 में 11 मौतें, वर्ष 2018-19 में 11, वर्ष 2019-2020 में 12 मौतें, वर्ष 2020-21 में दो मौतें और वर्ष 2021-22 में चार मौतें हुईं. बिहार में वर्ष 2017-18 में पुलिस हिरासत में सात मौतें, वर्ष 2018-19 और वर्ष 2019-2020 में पांच-पांच, वर्ष 2020-21 में तीन मौतें और वर्ष 2021-22 में 18 मौतें दर्ज की गईं.’ सिक्किम और गोवा जैसे राज्यों में 2017 से 2020 तक कोई घटना दर्ज नहीं की गई, लेकिन 2021-2022 में दोनों राज्यों में हिरासत में मौत की एक-एक घटना दर्ज की गई.न की शिकायतें प्राप्त होती हैं, तो आयोग द्वारा मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 के तहत निर्धारित प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाती है.’

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