देवी अग्नि देव की धारा, मेरठ के श्री बृज राधिका नवदुर्गा नवग्रह मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा विधान व प्रवचन के चौथे दिन जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी ज्ञानन्द तीर्थ जी महाराज ने माँ दुर्गा के प्रवचन करते हुए कहा कि पूज्य स्वाहा देवी अग्नि देव की धारा है जिनके बिना देवगण यज्ञ का भाग प्राप्त करने में समर्थ नहीं हो पाते हैं यदि देव की पत्नी दिशा तथा दक्षिणा है जो सर्वत्र पूजित है। उन्होंने कहा वाणी बुद्धि विद्या और ज्ञान की अधिष्ठट्री है सभी विद्याओं के विग्रह रूपा है यह सरस्वती देवी एवं अंशु को बुद्धि कवित्व शक्ति मेधा प्रतिभा और इस स्मृतिप्रदान करती हैं वह विभिन्न विभिन्न सिद्धांतो को भेद निरुपण का सामर्थ्य रखने वाली व्याख्या और जो ध्रुव अपनी तथा सारे सन्देहो का नाश करने वाली है। सभी प्राणियों की संजीवनी शक्ति हैं वे व्याख्या और बाद विवाद करने वाली हैं ,शांति स्वरुप है वीना, पुस्तक धारण करने वाली हैं वे शुद्ध सत्वगुण ,सुशील तथा श्री हरि की प्रिया हैं उनकी कांति हिम चंदन कुंदन चंद्रमा कुमुद और श्वेत कमल के समान है बे साक्षात रत्न माला तपस रुपा है। आज महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानन्द जी महाराज भी कथा स्थल पर पहुच कर व्यास पीठ का पूजन किया तथा पीठ से ही सनातन ध्रर्म के ईश्वरको एक से अनेक तथा पुनः एक होने का बताया उन्होंने कहा कि सनातन धर्म मे ही प्रभु एक से अनेक होकर भी पुनः एक ही स्वरूप में पूज्य है । पीठ पर विधमान महामंडलेश्वर ज्ञानन्द जी का स्वागत मुख्य यजमान संजय अग्रवाल व शंकराचार्य ज्ञानन्द जी महाराज का पूजन पूर्व विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल ने किया। आज बृजभूषण गुप्ता अन्नपूर्णा मंदिर ,श्रीमती राखी त्यागी ,अजय गुप्ता ,नवीन अरोड़ा, ललित अग्रवाल, अमरीश गुप्ता ,नरेंद्र राष्ट्रवादी सतीश गर्ग,पूर्व पार्षद, सचिन त्यागी पार्षद ,वीरेंद्र शर्मा पूर्व पार्षद नितिन कुमार ,मंदिर समिति के अध्यक्ष मनोज कुमार गर्ग ,आलोक सिसोदिया डॉ शिशिर गुप्ता आदि ने उपस्ति होकर व्यास पीठ की पूजा की।