धमाकों में उड़े जिस्मों के चिथडे़-मची चीखों पुकार
पटाखों की अवैध फैक्ट्री में विस्फोट में चार की मौत
-चार मकान जमीदोज, दर्जन भर गंभीर रूप से घायल, आला अफसर पहुंचे मौके पर
-साबुन बनाने की फैक्ट्री में ही जमा किया गया था पटाखों में प्रयुक्त होने वाला विस्फोटक
मेरठ शहर के लोहिया नगर इलाके में मंगलवार की सुबह अमंगलकारी खबर लायी। इस इलाके में साबुन बनाने की फैक्ट्री में दो जबरदस्त धमाकों ने जिंदगी छीन लीं। धमाके इतने जबरदस्त थे कि पांच किलोमीटर दूर तक सुनाई दिए गए और बिल्डिंगें ताश के पत्तों की मानिंद बिखर गयी। । विस्फोट के बाद आसमान में उठता धुंआ दूर से देखा जा सकता था। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है। विस्फोट बाद दूर तक मलवा फैला हुआ था। इसकी चपेट में आने वाले जख्मी लोग सड़कों पर पड़े करा रहे थे, कुछ के जिस्म के हिस्से पूरी तरह से गायब हो गए थे। लाशें इधर उधर बिखरी थीं। ये मंजर देखकर लोगों इतने ज्यादा डर गए थे कि मदद के लिए करार रहे घायलों के पास जाने तक में डर रहे थे। आसपास की चार बिल्डिंगे मलवे में तब्दील हो चुकी थीं। धमाके में तीन मकानों के जमीदोज होने की खबर ने पुलिस प्रशासन के बुरी हिलाकर रख दिया। आनन-फानन में डीएम व एसएसपी और फिर आईजी जोन भी मौके पर पहुंच गए। योगी सरकार में ऊर्जा राज्य मंत्री सोमेन्द्र तोमर भी पहुंच गए। प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं। गाजियाबाद से एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य के लिए पहुंचीं। एटीएस व फायर ब्रिगेड की टीमें भी पहुंची हैं।
पूरा इलाका दहल उठा धमाके से
धमका इतना ज्यादा जोर का था कि आसपास का करीब पांच किलो मीटर का इलाका दहल उठा। धमाके की आवाज सुनकर आसपास के लोग उस तरफ दौड़े तो वहां का मंजर बेहद डरावना था। साबुन फैक्ट्री मलवे में तब्दील हो चुकी थी। ऐसा लगता था मानों मिसाल दागकर उसको ध्वस्त कर दिया गया हो। इससे सटे दो अन्य मकानों को भी जबदस्त नुकसान पहुंचा था। साबुन फैक्ट्री के आसपास के बिजली की खंबे मुड गए थे। सड़क पर जहां तक नजर आती थी मलवा बिखरा हुआ थ। बिजली के खंबे व तार झूल रहे थे। इसकी चपेट में आकर जो लोग जख्मी हो गए थे वो मदद के लिए कलप रहे थे। लोग मदद के लिए पुकार रहे घायलों के पास जाने तक से डर रहे थे। दरअसल डर था कि कहीं करंट न फैला हुआ हो। हालांकि कुछ ने हिम्मत की और जो घायल हो गए थे उन तक पहुंचे। इस बीच पुलिस व बचाव दल भी वहां पहुंच गए था। एनडीआरएफ की टीम को पहुंचने में करीेब एक घंटा लगा।
सुबह सात बजे की घटना
जिस साबुन फैक्ट्री की बात की जा रही है उसमें पहला धमकाना सुबह करीब सात बज कर दस मिनट पर हुआ। आसपास के लोगों ने बताया कि साबुन फैक्ट्री के ऊपर वाले हिस्से में यहां काम करने वाले करीब आधा दर्जन मजदूर रहते थे। जिस वक्त धमाका हुआ वो सभी भीतर ही मौजूद थे। धमाकों के बाद बचाव व राहत के दौरान जो चार शव बरामद किए गए हैं माना जा रहा है कि वो चारों शव उन मजदूरों के हैं जो यहां काम करते हैं। एलएलआरएम मेडिकल की मोर्चरी में भी केवल चार शव ही पहुंचे हैं। एक घायल बुरी तरह से जला हुआ है उसको बर्न यूनिट में रखा गया है, वह सौ फीसदी बर्न है। चारों मृतकों तथा बुरी तरह से जले हुए शख्स की पहचान नहीं हो सकी है।
पटाखों का विस्टफोट जमा था
लोहिया नगर में जिस साबुन फैक्ट्री में यह धमाका हुआ है, उसका का मालिक मेडिकल क्षेत्र में रहने वाले अशोक गुप्ता हैं। अशोक से यह मकान गौरव त्यागी व आलोक निवासी शास्त्रीनगर पीवीएस ने साबुन फैक्ट्री लगाने के नाम पर किराए पर लिया था। हादसे के बाद से ये फरार हैं। यह भी पता चला है कि साबुन की फैक्ट्री लगाने के लिए जो सरकारी औपचारिकताएं पूरी की जानी चाहिए वह भी पूरी नहीं की गयी थीं, मसलन अवैध फैक्ट्री संचालित की जा रही थी। इस फैक्ट्री के एक हिस्से में भारी मात्रा में पटाखे बनाने वाला सामान व रैपर भी बरामद हुए हैं। यहां यह विस्फोट कैसे आया डीएम दीपक मीणा ने बताया कि यह जांच के बाद ही पता चल सकेगा अभी तक यह पता चला है कि यहां साबुन फैक्ट्री संचालित की जा रही थी। सुबह जिस वक्त यह धमाका हुआ आसपास के लोगों ने बताया कि वह सोए हुए थे। जो राह से गुजर रहे थे वो धमकों के चपेट में आकर बुरी तरह घायल हो गए। धमाके से 33 केबी लाइन के खंभे बुरी तरह से मुड गए। मदद को पहुंचे लोगों ने घायलों को मेडिकल भिजवाया।
शुक्र है स्कूल बंद था
जहां यह धमाका हुआ है इससे करीब पचास कदम की दूरी पर ही सत्यकाम स्कूल है। गनिमत यह रही कि जिस वक्त सुबह यह धमकाना हुआ था तब स्कूल बंद था। यदि स्कूल खुला होता और वहां पढ़ने वाले बच्चे आ जा रहे होते तो शायद हताहतों की संख्या बहुत ज्यादा होती। हालांकि धमाके में स्कूल को भी नुुकसान पहुंचा है। स्कूल की बिल्डिंग की खिड़कियां हिल गयीं उनके शीशे भी टूट गए।
राहत कार्य के दौरान धमका
जिस वक्त राहत कार्य चल रहा था उसी दौरान एक ओर धमाका हो गया। इसमें जेसीबी चालक धर्मेन्द्र घायल हो गया। दरआसल चालक धर्मेन्द्र जेसीबी मशीन से मलवा हटाने का काम कर रहा था। तभी धमका हुआ। इस धमाके की चपेट में आकर कई अन्य लोग भी घायल हो गए। जेसीबी मशीनें हालांकि पूरी तरह से मलवा नहीं हटा पा रही थी उसके बाद वहां पार्कलेन मशीन को मंगवाया गया। साथ ही दमकल कर्मियों ने विस्फोट होने की आशंका के चलते वहां पानी डालने का काम किया।
मेडिकल में भर्ती घायलों की सूची
मेडिकल में अभी तक भर्ती घायल
1.कार्तिक उम्र लगभग 6 वर्ष पुत्र अरुण
2.ओमकार उम्र लगभग 50 वर्ष पुत्र करण सिंह
3.सरोज उम्र लगभग 35 साल पत्नी दीपक
4.करण उम्र लगभग 5 वर्ष पुत्र दीपक
5.सोनाक्षी उम्र लगभग 5 वर्ष पुत्र दीपक
6.आसमा उम्र लगभग 27 वर्ष पत्नी शादाब
समस्त निवासी गन लोहिया नगर
यह कहना है डीएम का
लोहिया नगर में एक बिल्डिंग में विस्फोट की घटना हुई है। मौके पर बचाव का काम कराया जा रहा है। जो घायल हुए हैं उनको मेडिकल भिजवा दिया गया है। घायलों के इलाज के लिए सीएमओ व मेडिकल प्राचार्य से भी बात की गयी है।
यह कहना है मेडिकल प्राचार्य का
मंगलवार सुबह मोर्चरी में पांच लोहिया नगर हादसे में मारे गए लोगों के चार शव पहुंचे हैं। पुलिस ने किसी की भी शिनाख्त नहीं की है। एक शत प्रतिशत जली हुई अवस्था में लाया गया है। उसको बर्न वार्ड में रखा है। उसकी हालात बेहद नाजुक है। मृतकों के परिजनो के पहुंचने के बाद ही शिनाख्त हो सकेगी।