दिव्य धाम की कृष्ण कथा 24 से 30 तक, हार कर भी जीतने की आशा-यही है जीवन की परिभाषा- डीजेजेएस द्वारा श्री कृष्ण कथा का भव्य एवं विशाल आयोजन दिव्य धाम आश्रम, दिल्ली में 24 से 30 अप्रैल 2022 तक किया जा रहा है। तत्कालीन कोविड-19 महामारी के चलते आवाजाही सीमित हो रखी है। परन्तु ऐसे समय में भी शास्त्र ग्रंथों पर आधारित संत-महापुरुषों के आध्यात्मिक संदेशों को जन-जन तक पहुँचाने के लिए दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान निरंतर ही संलग्न है। इसी हेतु संस्थान द्वारा आयोजित श्री कृष्ण
कथा का प्रसारण संस्थान के यूट्यूब चैनल पर वर्चुअल वेबकास्ट के माध्यम से किया जा रहा है।
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक एवं संचालक गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या विदुषी
सुश्री साध्वी आस्था भारती जी ने कथा के प्रथम दिवस बताया कि श्रीकृष्ण एक ऐसे वाद्य-यंत्र के मानिंद
हैं, जिसमें से सभी प्रकार के स्वर व ध्वनियाँ निकलती हैं| समाज के हर एक वर्ग का मानव प्रभु के जीवन
से प्रेरणा ले सकता है| अपनी दिव्य वाणी के प्रवाह में कथाव्यास जी ने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का
भावपूर्ण, सरस वाचन करते हुए वैज्ञानिक, समकालीन समाज के सामने प्रस्तुत किया।
श्रीकृष्ण जन्म के अवसर पर इस प्रसंग में छुपे हुए आध्यात्मिक रहस्यों का निरूपण करते हुए साध्वी जी
ने बताया- जब-जब इस धरा पर धर्म की हानि होती है, तब-तब धर्म की स्थापना के लिए करुणानिधान
ईश्वर अवतार धारण करते हैं| जिस प्रकार श्रीकृष्ण के जन्म से पहले घोर अंधकार था, कारगार के ताले बंद
थे, पहरेदार सजग थे और इस बंधन से छूटने का कोई रास्ता नज़र नहीं आ रहा था| ठीक इसी प्रकार,
ईश्वर साक्षात्कार के आभाव में मनुष्य का जीवन घोर अंधकारमय है| इसलिए ऐसे महापुरुष की शरण में
जाकर हम भी ब्रह्मज्ञान को प्राप्त करें, तभी कृष्ण-जन्म प्रसंग का वास्तविक लाभ उठा पाएंगे|
साध्वी जी ने बताया कि जीवन में Set backs तो आएंगे ही… reverses भी आएंगे… failures का अनुभव
भी होगा, लेकिन इंसान को उससे हताश नहीं होना चाहिए! निराश नहीं होना चाहिए! इंसान तो भगवान् की
सर्वश्रेष्ठ कृति है| तो फिर वह परिस्थितियों में हार कैसे मान सकता है? हार कर भी जीतने की आशा, यही
है जीवन की परिभाषा! कथा का विशेष प्रसारण संस्थान के यूट्यूब चैनल पर किया जा रहा है। इस लिंक पर
जाकर आप कथा का online वेबकास्ट अवश्य देखें: djjsworld । प्रसारण का
समय प्रातः 10 से दोपहर 1 बजे तक तथा सायं 7 से रात्रि 10 बजे तक है।