डा. वाजपेयी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष-अब मंत्री की बारी राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेई को भाजपा ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी के केंद्रीय पदाधिकारियों के नामों की घोषणा करते हुए लिस्ट जारी कर दी है। इसमें 13 राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, 8 राष्ट्रीय महामंत्री, 1 राष्ट्रीय महामंत्री संगठन, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री, राष्ट्रीय सचिव सहित कोषाध्यक्ष और सह कोषाध्यक्षों के नामों की घोषणा की गई है। मेरठ से पूर्व विधायक डॉ. लक्ष्मीकांत को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है। लक्ष्मीकांत वाजपेयी मेरठ शहर सीट से भाजपा के टिकट पर विधायक रहे हैं। 2014 में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। साथ ही 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में चुनाव स्क्रीनिंग कमेटी में भी अहम पद पर रहे हैं। ब्राहमण चेहरा होने के नाते पिछले दिनों से डॉ. लक्ष्मीकांत का नाम मंत्रीमंडल विस्तार में चल रहा था। माना जा रहा था कि मंत्रीमंडल विस्तार के समय भाजपा डॉ. लक्ष्मीकांत को मंत्रीमंडल में स्थान दे सकती है।क्ष्मीकांत वाजपेयी मेरठ शहर सीट से भाजपा के टिकट पर विधायक रहे हैं। 2014 में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। साथ ही 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में चुनाव स्क्रीनिंग कमेटी में भी अहम पद पर रहे हैं। ब्राहमण चेहरा होने के नाते पिछले दिनों से डॉ. लक्ष्मीकांत का नाम मंत्रीमंडल विस्तार में चल रहा था। माना जा रहा था कि मंत्रीमंडल विस्तार के समय भाजपा डॉ. लक्ष्मीकांत को मंत्रीमंडल में स्थान दे सकती है।
मेरठियों ने जताया आभार:
राज्यसभा सांसद डा. वाजपेयी को संगठन में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए जाने पर भाजपा के महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंहल समेत तमाम भाजपाइयों ने नेतृत्व का आभार जताया है। इस खबर के आने के बाद संगठन और दूसरे दलों के नेताओं ने जो डा. वाजपेयी के करीबी मित्रों में शुमार किया जाता है उन्होंने भी बधाई दी है। पूरे दिन मोबाइल पर बधाई संदेश आते रहे। वहीं दूसरी ओर मेरठ में अनेक लोगों का कहना है कि अब डा. लक्ष्मीकांत वाजेपयी को केंद्रीय मंत्री मंडल में जगह दी जानी चाहिए। इससे बहुत अच्छा व मजबूत संदेश जाएगा। मेरठ के लोगों का कहना है कि डा. वाजपेयी आम आदमी के नेता हैं वो सड़क पर चलने वाले समाज के अंतिम पायदान पर खड़े शख्स के साथ भी खड़े नजर आत हैं और समाज के दूसरे वर्ग के लोगों की मदद से भी पीछे नहीं हटते। ऐसे शख्स को मंत्री बनाने से केवल ब्राह्मण नहीं बल्कि समाज में भी सरकार की ओर से शानदार व मजबूत संदेश दिया जा सकता है। अनेक लोगों ने उनके राजनीतिक परिश्रम की भी विस्तार से चर्चा इस संवाददाता से की। लबोलुआव यही है कि केवल भाजपा ही नहीं बल्कि तमाम लोग इससे बेहद खुश हैं।
काम भी कम नहीं
डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेई के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष रहते हुए ही भाजपा ने 2014 लोकसभा चुनाव में 73 सीटें जीती थीं। उन्होंने मुलायम सिंह यादव परिवार की बहू अपर्णा यादव, साढ़ू प्रमोद गुप्ता, रायबरेली की कांग्रेस विधायक अदिति सिंह समेत सपा के कई नेताओं को पार्टी में शामिल कराया था। बताया गया कि डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेई 14 साल की उम्र में जनसंघ से जुड़ गए थे। उन्हें 1977 में जनता पार्टी के यूथ विंग का अध्यक्ष बनाया गया था।1980 में भाजपा मेरठ के महासचिव बने। लक्ष्मीकांत बाजपेई उत्तर प्रदेश भाजपा युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष भी बने। इसके बाद वर्ष 1989 में वह मेरठ की शहर सीट से पहली बार विधायक चुने गए। वर्ष 1993 में वे चुनाव हार गए। फिर वर्ष 1996 में दूसरी बार एमएलए बने। इसके बाद वर्ष 2002 में वह फिर चुनाव जीते और प्रदेश सरकार में मंत्री रहे। लेकिन 2007 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वहीं, वर्ष 2012 में वह फिर विधायक बने और दिसंबर 2012 में भाजपा ने उन्हें उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष बना दिया। इसके बाद वर्ष 2017 के विधानसभा में उन्हें फिर से निराशा हाथ लगी। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में लक्ष्मीकांत बाजपेई ने चुनाव न लड़ने की इच्छा व्यक्त की थी। उनको भाजपा ने ज्वाइनिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया।