ऐसे बनेगा भारत विश्व गुरू, नवीन भारत का भविष्य है आज का युवा मेरठ। आज का युवा अपनी आंतरिक शक्ति को पहचान कर और प्रयोग कर भारत के भविष्य-निर्माण में अग्रणी भूमिका निबाह सकता है। तभी हम विश्वगुरु का पद पा सकते हैं। यह बात प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के दिल्ली रोड स्थित प्रभु मिलन भवन में `आज का युवा भारत का भविष्य’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में अंसल बाईपास से आईं ब्रह्माकुमारी सरिता बहन ने कही। उन्होंने कहा कि आज का युवा शक्तिशाली है। बस जरूरत उसको सही दिशा देने की है। उन्होंने कहा कि युवा आत्मनिर्भर बन अपने मां-बाप, शिक्षक, समाज और देश का नाम रोशन करें। युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आंतरिक शक्ति को बढ़ाने के लिए हमें नशा और व्यसनमुक्त होना होगा। और इसके लिए हमें स्वयं को जानने की जरूरत है। हमें अपने भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए आपनी ताकत को लगाना है। उन्होंने युवाओं को खुद को जानने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि हम अपने मूल्यों को समझ और उन्हें धारण करने पर हम खुद बदलेंगे, तो विश्व भी बदलेगा। और इसमें मेडिटेशन बहुत सहायक होगा। मेडिटेशन के बारे में बताया कि ब्रेन की ताकत खुशी है, जिसका कारक डोपामाइन कैमिकल है। इस कैमिकल की खोज में रिसर्चरों ने सिद्ध किया है कि यह 65 फीसदी मेडिटेशन से बनता है। मेडिटेशन से हमें खुशी की खुराक मिलती है। इस मौके पर एमएसएस इंटर कॉलेज रिठानी, एसवीएन इंटर कॉलेज, मोहकमपुर, भाई जोगासिंह, महावीर एकेडमी से करीब 300 से अधिक युवाओं ने भाग लिया। यहां शिक्षक-राजेश, जयदीप, विशेष जैन, आकाश राघव, मन्नू त्यागी आदि भी मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत सेंटर प्रभारी सुनीता बहन ने दीप प्रज्वलन कर की। कार्यक्रम में विनोद, आशीष, गौरव, रुगवेद, आनन्द, दीपक, शिखा आदि मौजूद रहे।