रैपिड के सभी स्टेशनों पर फुट ओवर ब्रिज सब-वे

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रैपिड के सभी स्टेशनों पर फुट ओवर ब्रिज सब-वे,

– मेरठ के सभी एलिवेटेड व अंडरग्राउंड स्टेशनों पर फुट-ओवर ब्रिज या सब-वे की सुविधा दी जाएगी-

मेरठ। आरआरटीएस कॉरिडोर के सभी एलिवेटेड स्टेशनों के प्रवेश/निकास की योजना और डिजाइन इस प्रकार से बनाए गए हैं कि नमो भारत ट्रेन और मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों को स्टेशन तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने के साथ-साथ पैदल यात्रियों को व्यस्त सड़कों को पार करने के लिए निशुल्क फुट-ओवर ब्रिज की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। मेरठ सेंट्रल को छोड़कर सभी अंडरग्राउंड स्टेशनों पर सब-वे की सुविधा मिलेगी, जिससे पैदल यात्रियों को सड़क पार करने में भी आसानी होगी।

अक्सर देखा जाता है कि उचित क्रॉस-ओवर की कमी के कारण लोग, सड़क पार करने के लिए शॉर्टकट लेने के चक्कर में डिवाइडर के बीच से कूद जाते हैं। व्यस्त यातायात के बीच जब गाड़ियाँ तेज़ गति से आ-जा रही हों, उनका यह कदम जान को जोखिम में डालने वाला होता है। यह यातायात में भी बाधा उत्पन्न करता है और इसके कारण जाम जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। पिछले कुछ वर्षों में कई सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के आसपास यह स्थिति आम हो गई है। एनसीआरटीसी इस समस्या को संबोधित कर आरआरटीएस का कार्यान्वयन आरंभ होने से पहले ही इसका समाधान पेश करना चाहता था और इसी के मद्देनजर स्टेशनों का डिजाइन कुछ इस तरह बनाया गया जिससे पैदल यात्रियों को भी सुविधा मिल सके। फिलहाल साहिबाबाद से मेरठ साउथ के बीच 9 स्टेशनों के लिए नमो भारत ट्रेन परिचालित हो रही है। इन सभी आरआरटीएस स्टेशनों पर पैदल यात्री भुगतान क्षेत्र (पेड-एरिया) में प्रवेश किए बिना प्रमुख सड़कों को पार करने की सुविधा का लाभ ले पा रहे हैं। वहीं, स्टेशनों को सार्वभौमिक रूप से सुलभ बनाया गया है। इसके साथ ही लिफ्ट व एस्केलेटर की सुविधा भी मिल रही है। स्टेशनों पर दिव्यांगजनों के लिए अलग से पार्किंग की व्यवस्था है। नमो भारत ट्रेन में भी व्हीलचेयर ले जाने के लिए अलग से जगह दी गई है। मेडिकल इमर्जेंसी के दौरान ट्रेन में स्ट्रेचर ले जाने के लिए भी जगह है। प्रत्येक स्टेशन की लिफ्ट में भी स्ट्रेचर ले जाने की सुविधा है। इतना ही नहीं, हर स्टेशन को इस तरह सर्विस रोड बनाकर मुख्य सड़क से जोड़ा जाता है, ताकि जाम की स्थिति भी ना रहे और सड़क पर वाहन रुकने से भी बचा जा सके। मेरठ में भी इसी तरह की सुविधाएं सभी स्टेशनों पर दी जाएंगी।

आरआरटीएस कॉरिडोर पर स्टेशनों के प्रवेश/निकास द्वार का निर्माण सड़क के दोनों ओर किया जा रहा है। यह न केवल आरआरटीएस से यात्रा करने के इच्छुक यात्रियों की यात्रा को सुलभ बनाएगा बल्कि पैदल यात्रियों को लिंक रोड और दिल्ली-मेरठ रोड जैसी व्यस्त सड़कों को सुरक्षित रूप से पार करने में भी सहायता करेगा। मेरठ शहर में भी ट्रैफिक का भारी दबाव रहता है और आरआरटीएस कॉरिडोर घनी आबादी वाले इलाकों से गुज़र रहा है।  मेरठ में मेरठ साउथ से मोदीपुरम डिपो तक 13 स्टेशनों के लिए मेट्रो ट्रेन की सुविधा भी लोगों को मिलेगी। इन सभी मेट्रो स्टेशनों को भी इस तरह डिजाइन किया जा रहा है जिससे फुट-ओवर ब्रिज की तरह लोग सड़क के दोनों पार आवाजाही कर सकें। मेरठ में परतापुर, रिठानी, ब्रह्मपुरी, एमईएस कॉलोनी, दौरली, मेरठ नॉर्थ, मेरठ सेंट्रल, भैंसाली और मोदीपुरम डिपो मेट्रो स्टेशन होंगे जबकि मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल (अंडरग्राउंड) और मोदीपुरम से मेट्रो के अलावा नमो भारत की सुविधा भी मिलेगी। इनमें से मेरठ नॉर्थ और मोदीपुरम स्टेशन तो नैशनल हाईवे पर बनाए जा रहे हैं। आरआरटीएस के दिल्ली सेक्शन को भी यात्रियों के लिए जल्दी ही खोल दिया जाएगा, जिससे आनंद विहार और न्यू अशोक नगर स्टेशन भी खुल जाएंगे। ऐसे में नमो भारत की सुविधा दिल्ली में न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक 11 स्टेशनों पर मिलने लगेगी। एनसीआरटीसी ने पूरे कॉरिडोर को अगले साल तक चालू करने का लक्ष्य रखा है।

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