गिरफ्तारी का हॉस्पिटल कनेक्शन

गिरफ्तारी का हॉस्पिटल कनेक्शन ,
Share

गिरफ्तारी का हॉस्पिटल कनेक्शन, बसपा नेता हाजी याकूब कुरैशी व उनके पुत्र इमरान की गिरफ्तारी का हापुड़ रोड स्थित एक हॉस्पिटल जो याकूब एंड फैमली का बताया जा रहा है, उसके सौदे से कनेक्शन की बात सुनने में आ रही है। जानकारों की मानें तो प्रदेश की योगी सरकार की कार्रवाई से बचने के लिए जो फुलप्रुफ प्लान याकूब एंड फैमली से तैयार किया था, उसके चलते नहीं लगता था कि कानून के लंबे हाथ वहां तक पहुंचा पाएंगे जहां याकूब एंड फैमली को आसरा मिला हुआ है। हालांकि हम इस जनचर्चा की पुष्टि नहीं करते, लेकिन जो सुनने में आ रहा है उसको एक सिरे से खारिज करना भी मुनासिब नहीं होगा। पहले भूरा और फिर हाजी याकूब व इमरान की गिरफ्तारी की कार्रवाई पर करीब से नजर रखने वालों की गुफ्तगू की माने तो गिरफ्तारी में जब पुलिसिया सिस्टम पसीने-पसीने हो रहा था, जब गद्दी बिरादरी का बताया जा रहा एक शख्स जिसका लिंग हापुड़ रोड से जुड़ा बताया जाता है उम्मीद की एक किरन बनकर सामने आया। बस यही से गिरफ्तारी की इबारत लिखने का काम शुरू हुआ। सुनने में आया है कि याकूब एंड फैमली का हापुड़ रोड पर जो हॉस्पिटल है उसको चलाने के लिए किराए पर लेने या कहें खरीदने की बातचीत शुरू हुई। बातचीत फाइनल हो गयी थी जो डील फाइनल हुई थी, उसको अमली जामा पहनाने के लिए ही याकूब कुरैशी पुत्र भूरा मेरठ आए थे। दरअसल वो डील तो एक बहाना भर था या हो सकता है कि डील वाकई करने की मंशा रही हो, लेकिन भूरा डील करने के लिए मेरठ आ रहा है,यह खबर लीक हो गयी या फिर जिसको गद्दी बिरादरी से बताया जा रहा है उस शख्स से लीक कर दी। यह गौरतलब यह बात भी है कि कसाईयों और गद्दियों की आपसी अदावत के किस्से काफी पुराने हैं। लोगों की मानें तो दोनों ही बिरादरियों में कभी बनी ही नहीं। पिछले तीन से चार दशक के दौरान जिस प्रकार से कुरैशी बिरदारी के कुछ लोगों ने मीट कारोबार के चलते तरक्की का आसमान छूना शुरू कर दिया था उसके बाद कुरैशियों व अन्य बिरादरियों के बीच एक खाई सरीखे के हालात नजर आने लगे। लेकिन यहां बात कुरैशियों व नॉन कुरैशियों के बीच खाई की फिलहाल नहीं। बात की जा रही है याकूब एंड संस की गिरफ्तारी की। सुनने में आया है कि हॉस्पिटल की डील के नाम पर बिछाए गए जाल में भूरा का फंसना तय था और वो फंस भी गया। भूरा से जो कुछ उगलवाया जा सका, उससे याकूब एंड संस तक पहुंचने का रास्ता बेहद आसान हो गया। जब रास्ता आसान हो गया तो फिर एक तयशुदा स्क्रिप्ट के मुताबिक बाकि चीजें हुई जो सबके सामने हैं। शुक्रवार को जैसा की पुलिस के अफसर बता रहे हैं हाजी याकूब और इमरान को गिरफ्तार किया गया। उन्हें थाना खरखौदा ले जाया गया। वहां कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया। वहीं दूसरी ओर करीबियों की मानें तो यह ठीक है कि हाजी याकूब एंड संस गिरफ्तार कर जेल भेज दिए गए हैं, लेकिन इससे आगे की जाे कानूनी लड़ाई है उसमें याकूब कुरैशी को अदालत से संभवत माइलेज की बात विधि विशेषज्ञ कर रहे हैं। विधि विशेषज्ञों की मानें तो इस पूरे मामले में अदालत में यदि मजबूत पैरवी कर ली जाए तो चीजें काफी आसान हो सकती हैं। मसलन खुली हवा में सांस लेना जो चीजें कारोबारी लिहाज से बिखर दी गयी हैं उन्हें समेटने में आसानी का हाेना सरीखी चीजें संभवत संभव हो जाएं।

@Back Home


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *