गुड वर्क के लिए बेड एक्ट-एडीजी ने बैठा दी जांच

गुड वर्क के लिए बेड एक्ट-एडीजी ने बैठा दी जांच
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गुड वर्क के लिए बेड एक्ट-एडीजी ने बैठा दी जांच,  घर से उठाकर मुठभेड़ दिखाना मेरठ के परतापुर थानाध्यक्ष को महंगा पड़ गया। गुड वर्क के लिए उनके इस बेड एक्ट पर एडीजी ने जांच बैठा दी है। इस मामले में एडीजी कार्यालय व एसएसपी कार्यालय ने जिस शख्स के पति को घर से उठाकर गुड़वर्क के लिए लिखा पढ़ी में मुठभेड़ दिखाकर जेल भेज दिया, उसकी पत्नी के बयान दर्ज किए गए हैं।

यह है पूरा मामला

बकौल फरहाना पत्नी सलाउद्दीन निवासी सुहेल गार्डन सौ फुटा रोड बिजौट लोहिया नगर मेरठ का आरोप है कि 20 अक्तूबर की रात उसके मकान पर पांच लोग पहुंचे। इनमें से तीन वर्दी में थे दो बगैर वर्दी के थे। एक बगैर वर्दी में पहुंचे शख्स ने खुद को थानाध्यक्ष परतापुर बताया। इन लोगों ने आकर काल बैल बजायी उसके पति सलाउद्दीन का नाम ले लेकर आवाज देने लगे। जब उसके शौहर ने जाकर गेट खोला तो उनसे कहा कि आधार कार्ड लेकर आएं। पुलिस वालों को देखकर सलाउद्दीन आधार कार्ड लेकर पहुंच गए। उसके बाद पुलिस वालों ने उन्हें जीप में डाला और अपने साथ ले गए। फरजाना का कहना है कि वह पुलिस वालों से पूछती रही उन्होंने कुछ नहीं बताया कि कहां लेकर जा रहे हैं। वह काफी दूर तक जीप के पीछे भी भागी लेकिन चंद पलों में जीप गायब हो गयी। मामले को लेकर पीड़िता के कानूनी मददगार एडवोकेट वीरेन्द्र कुमार वर्मा काजीपुर ने भी इसको लेकर तमाम कानूनी स्तर पर कार्रवाई शुरू की है।

112 पहुंची थी मौके पर

सलाउद्दीन को उठा लेकर जाने के बाद तमाम प्रकार की आशंकाओं से परेशान परिवार वालों ने 112 पुलिस कंट्रोल रूम को पूरी घटना की जानकारी दी। सूचना पर कुछ ही देर में वहां कंट्रोल रूम से पुलिस वाले भी पहुंच गए। उन्हें पूरे वाक्यात की जानकारी दी गयी। पुलिस वालों ने मकान पर लगे सीसीटीवी कैमरे भी चैक किए जिसमें घटनाक्रम कैद था। बकौल फरजाना  दरअसल सीसीटीवी इसलिए लगवाए गए थे क्योंकि कई साल पहले भी पुलिस वाले एक बार सलाउद्दीन को इसी प्रकार से घर से उठाकर ले गए थे। फर्जी मुठभेड दिखाकर उसका चालान कर दिया था। सीएम पोर्टल आईजीआरएस पर भी पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी गयी।

एडीजी-आईजी-एसएसपी को तत्काल जानकारी

शौहर को यूं उठा ले जाने के बाद फरजाना और उसके बच्चों ने पूरी रात जागकर काट दी। दिन निकलते ही अपने बच्चो को लेकर वो एडीजी, आईजी और एसएसपी से फरियाद करने जा पहुंची। पूरी घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए फरियाद करने के साथ अर्जी भी दी। उसकी अर्जी अधिकारियों ने लेकर रख ली। उसको उम्मीद थी कि अब शौहर लौट आएगा।

मुठभेड़ में जेल भेजने की मिली खबर

20 अक्तूबर को पुलिस वाले उठाकर ले गए। मदद की आस में  अगले दिन 21 अक्तूबर को परिजन एडीजी, आईजी व एसएसपी से मिले और 22 अक्तूबर को खबर मिली कि परतापुर पुलिस ने जीडी संख्या 25 में भूडभराला बंबे के पास मुठभेड़ में गिरफ्तारी दिखाकर जेल भेज दिया। फरहाना का कहना है कि वह लगातार परतापुर थाने पर संपर्क करती रही। वहां पहुंची भी, परतापुर पुलिस इस बात से नाराज थी कि उनकी शिकायत आला अधिकारियों से की है। एक दरोगा ने कहा कि इसी वजह से उन्हें मुठभेड में पहले फरार होना और बाद में गिरफ्तारी दिखा कर जेल भेजना पड़ा

एडीजी से मिली राहत

फराहना ने बताया कि शनिवार को वह दोबारा एडीजी से मिली। उन्हें पूरा मामला बताया। साथ ही सीसीटीवी फुटेज के साक्ष्य भी सौंपे। उनकी बात सुनकर एडीजी ने खुद भी हैरानी जतायी। साथ ही कार्यालय में घटना को लेकर बयान भी दर्ज कराए। फरहाना ने बताया कि इसके बाद उसके पास एसएसपी कार्यालय से काल आयी। वहां भी बुलाकर पूरी घटना को लेकर बयान दर्ज किए गए। उन्होंने भी तमाम साक्ष्य मांगे जो सौंप दिए गए।

गुडवर्क करना अच्छा मगर ऐसे नहीं

गुड वर्क करना अच्छा है और अपराधों को रोकने के लिए यह जरूरी भी है, लेकिन फरहाना ने जो कहानी एडीजी, आईजी व एसएसपी को सुनायी है यदि वैसे गुडवर्क किए जाएंगे तो इससे अपराध कितना काबू हो पाएगा यह कहना तो मुश्किल है लेकिन अपराधी जरूर पैदा हो जाएंगे। वैसे भी एक पुरानी कहावत है कि एक बार यदि कोई जेल हो आता है तो फिर वहां से अपराधी बनकर ही बाहर आता है
यह कहना है थानाध्यक्ष का

सलाउद्दीन को लेकर जब थानाध्यक्ष परतापुर से पूछा गया तो उन्होंने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की थी, लेकिन तब तक मुठभेड फरारी और जेल भेजे जान की बात उन्होंने इस संवाददाता को नहीं बतायी थी। यह बातचीत 21 अक्तूबर को हुई थी।

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