जीपीए का लोकतंत्र की हत्या का आरोप, गाजियाबाद पेरेंट एसोसिएशन ने लाेकतंत्र की हत्या का आरोप लगाते हुए जीपीए की अध्यक्ष सीमा त्यागी ने कहा कि सीएम की मौजूदगी में लोकतंत्र की हत्या दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के मुद्दों को लेकर गाजियाबाद के दौरे पर आये मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौपना चाहती थीं। लेकिन इस बार भी पुलिस प्रशासन रात्रि में ही सक्रिय हो गया और सुबह 6 बजे ही पुलिस प्रशासन दल बल के साथ गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन उनके आवास पर उनको हाउस अरेस्ट करने पहुँच गया। पुलिस प्रशासन ने पिछली बार भी उन्हें मुख्यमंत्री का गाजियाबाद दौरा समाप्त होने तक नजरबंद किये रखा था। सुबह 10 बजते बजते गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के शास्त्रीनगर स्थित कार्यालय पर भारी पुलिस प्रशासन पहुँच गया और जीपीए के सचिव अनिल सिंह सहित तमाम पदाधिकारियों को बंधक बना लिया। सीमा त्यागी ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि मुख्यमंत्री शिक्षा के मुद्दे को सुनना ही नही चाहते है और हर बार जीपीए के पदाधिकारियों के साथ विरोधियों जैसा अन्यायपूर्ण व्यहवाहर किया जाता है ऐसा व्यहवाहर लोकतंत्र का गला घोंटने के समान है आज फिर अभिभावकों की आवाज दबाबकर मुख्यमंत्री लोकतंत्र की हत्या के साक्षी बने। सीमा त्यागी ने मुख्यमंत्री से पूछा है कि क्या प्राइवेट स्कूलों की लूट पर रोक लगाने की मांग करना गलत है क्या प्रदेश के सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने की मांग गलत है अगर ये मांगे मुख्यमंत्री को गलत लगती है तो जीपीए के क्रांतिकारी सिपाही ये मांग बुलंदी से करते रहेंगे। मुख्यमंत्री कितने भी प्रयास कर लें गाज़ियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की आवाज को दबाया नही जा सकता है। हमारे प्रयास निरन्तर जारी रहेंगे। जीपीए के सचिव अनिल सिंह ने कहा कि जीपीए विगत कई वर्षों से अभिभावको की पीड़ा मुख्यमंत्री तक पहुचाने के लिए प्रयासरत है लेकिन जब भी मुख्यमंत्री का आगमन गाजियाबाद में होता है प्रशासन द्वारा गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों को नजरबंद कर दिया जाता है। और मिलने नही दिया जाता है प्रशासन द्वारा ऐसा व्यवहार किया जाता है जैसे अभिभावक विरोधी की भूमिका में है।