जीपीए की दी गयी मियाद पूरी, गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन द्वारा लगातार निःशुल्क एवम अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 ( आरटीई ) में दुर्बल /अलाभित समूह के अंतर्गत निजी स्कूलों में निर्धारित 25 कोटे के तहत चयनित बालक / बालिकाओं के दाखिले शत प्रतिशत सुनिश्चित कराने के लिए आवाज उठाई जा रही है पिछले कई सालों से गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन द्वारा आरटीई के अंतर्गत दाखिलों को लेकर अभिभावको को जागरूक करने के लिये बड़े स्तर पर अभियान भी चलाया जा रहा है जिसके सार्थक परिणाम भी सामने आ रहे है साल दर साल आरटीई के फार्म भरने वाले बच्चों की संख्या बढ़ती ही जा रही है पिछले वर्ष 3000 से ज्यादा आरटीई के बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला मिला हालांकि पिछले वर्ष भी लगभग 1800 बच्चे स्कूलो में दाखिलो से वंचित रह गए थे बच्चों के दाखिलों की संख्या और भी बढ़ सकती थी अगर जिला बेसिक शिक्षा विभाग गंभीरता दिखाता इस बार तीन चरणों मे लगभग 5600 से अधिक बच्चों का आरटीई के अंतर्गत चयन हुआ है लेकिन कुछ दिन पहले तक अभी केवल 2600 बच्चों को ही दाखिला निजी स्कूलों में मिल सका है गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्य्क्ष सीमा त्यागी का कहना है कि आरटीई के दाखिलों के प्रति शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन की उदासीनता को लेकर अभी कुछ दिन पहले गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा को पत्र लिखा था जिसका अब असर पड़ता दिखाई दे रहा है क्योंकि 5 जुलाई को महानिदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा प्रदेश के समस्त जिला बेसिक शिक्षा अधिकारीयो और जिला प्रशासन को 15 जुलाई तक आरटीई के अंतर्गत शत प्रतिशत दाखिले सुनिश्चित कराने के आदेश जारी किये है इसके साथ ही शासन द्वारा 20 जुलाई तक आरटीई के बच्चों का समूर्ण विवरण जैसे आवंटित विद्यार्थियों की संख्या ,प्रवेश प्राप्त कर चुके विद्यार्थियों की संख्या , प्रवेश प्राप्त न कर पाने वाले विद्यार्थियों की संख्या , कारण सहित मांगा गया है अब देखना यह है क्या जिला बेसिक शिक्षा विभाग शासन के पत्र पर गंभीरता दिखाते हुये आरटीई के बच्चों के शत प्रतिशत दाखिले सुनिश्चित कराने में सफल हो पाते है या नही क्योकि अगर शत प्रतिशत दाखिले कराने है तो निजी स्कूलों पर नकेल कसनी ही होगी।