घरों के चूल्हे सेलरी न मिलने की वजह से ठंडे, मेरठ/ जनपद में पीवीवीएनएल के चार ईयूडीडी के संविदा कर्मचारियों के सामने इस बार बच्चों के स्कूल की फीस, डाक्टर व दवाई का खर्च तथा दूध व राशन का बिल चुकान का संकट पैदा हो गया है। इसकी वजह उन्हें इस माह सेलरी नहीं मिलने जा रही है। बड़ा सवाल यही पूछा जा रहा है कि सेलरी के बगैर कैसे परिवार का गुजारा करेंगे और इस सब मुसीबत की वजह जिन बिजलीघरों पर ये संविदा कर्मचारी काम करते हैं, वहां से जो भी संबंधित बाबू इनकी सेलरी के बिल मुख्यालय भेजता है उसने लापरवाही बरती। देरी से से बिल भेजने की वजह से एकाउंटेंट ने सेलरी के बिल कंप्यूटर पर चढ़ाने से हाथ खडे कर दिए। क्यों कि तय तारीख से यदि विलंब से बिल भेजे जाते हैं तो कंप्यूटर पर चढ़ाए नहीं जा सकते। जिन ईयूडीडी के संविदा कर्मचारियों के घरों के चूल्हे सेलरी न मिलने की वजह से ठंडे पड़ने की आशंका जतायी जा रही है उनमें रुलर के ईयूडीडी-1 व अरबन के ईयूडीडी-2-3-5 शामिल हैं। बाबू की इस लापरवाही का खामिया उन तमाम संविदा कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है जो जान जोखिम में डालकर बिजली की आपूर्ति में निरंतरता बनाने में कोई कोरकसर नहीं छोड़ते हैं। इसके बाद भी यदि सेलरी के दिन घर पर खाली हाथ जाएंगे तो सवाल तो पूछा जाएगा कि इसके लिए जिम्मेदार कौन हैं और पीवीवीएनएल चलाने वाले इस जिम्मेदार पर क्या कार्रवाई कर रहे हैं।