IIMT-सोशल मीडिया वर्कशॉप, आईआईएमटी मेरठ में सोशल मीडिया पर वर्कशॉप आयोजित की गयी। दिल्ली में बीते 23 सालों से साइंस कम्युनिकेटर के क्षेत्र में विज्ञान से जुड़े हुए और विज्ञान प्रसार के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ निमिष कपूर ने छात्रों के साथ बात करते हुए फेक न्यूज के मायाजाल को विस्तार से समझाया।
सोशल मीडिया यानी फेसबुक, इंस्टाग्राम, यू ट्यूब से लेकर व्हाट्स अप तक जरूरी सूचनाओं के साथ-साथ फेक न्यूज भी आम जनता को परोस रहे हैं। सभी सियासी दलों से लेकर मीडिया घरानों तक का इनमें हाथ जब-तब सामने आता है। अक्सर बड़े सियासी नेताओं से लेकर बॉलीवुड के बड़े नाम भी अक्सर फेक न्यूज का शिकार बन जाते हैं। बड़ी हस्तियां तक इनका शिकार बन जाती हैं और अनजाने में ही इन्हीं खबरों की सत्यता जांचे बगैर ही इन खबरों को अपने हैंडल से फॉरवर्ड भी कर देते हैं। आईआईएमटी विश्वविद्यालय में साइंस कम्युनिकेशन और फैक्ट फाइंडिंग पर छात्रों को जानकार बनाने के लिए एक दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया। निमिष कपूर ने समझाया कि कोरोना काल में केंद्र सरकार लॉक डाउन लगाने में जुटी थी मगर अचानक दिल्ली के कुछ नेताओं ने दिल्ली के प्रवासी मजदूरों को फेक न्यूज के सहारे दिल्ली बॉर्डर पर इकट्ठा कर दिया। जिससे कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई और जनहानि भी हुई। फर्जी खबरों के सोर्स तक पहुंचने और फेक न्यूज फैलाने वाले सोर्स की शिकायत करने और उसके खिलाफ कार्रवाई करने के सही तरीके भी छात्रों को सिखाए गए। साइंस कम्युनिकेटर निमिष कपूर ने वर्कशॉप में छात्रों को प्रैक्टिकल करवाया गया। जनसंचार एवं फिल्म एंड टेलीविजन स्टडीज विभाग के संकायाध्यक्ष डॉ सुभाष चंद्र थलेड़ी और विभागाध्यक्ष विशाल शर्मा ने कार्यशाला के लिए आगन्तुक शिक्षक-वैज्ञानिक डॉ. निमिष कपूर का आभार जताया। संचालन छात्रा सोनल ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में वरिष्ठ शिक्षक डॉ नरेंद्र कुमार मिश्रा, असिस्टेंट प्रोफेसर निशांत सागर, डॉ विवेक सिंह, डॉ पृथ्वी सेंगर, सचिन गोस्वामी और विभोर गौड़ ने सहयोग किया।