इनर व्हील क्लब की वर्कशॉप, मेरठ। बीमारी या अन्य वजह से अपने खास अंगों को खो देने वाले लोगों को नया जीवन देने की सार्थक सोच रखने वाले स्वस्थ लोग अपने जीते जी या मृत्यु के बाद अंग दान करके उन्हें एक नई जिंदगी दे सकते हैं। आर्गन इंडिया के डा0 सौरभ शर्मा ने कहा कि अंगों का दान कर किसी दूसरे व्यक्ति को जीवन देने से बड़ी मानवता की सेवा और कोई नहीं हो सकती।
अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से आईआईएमटी आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एण्ड हॉस्पिटल, गंगानगर में इनरव्हील क्लब ऑफ मेरठ यूथ विंग्स की ओर से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का संचालन कर रहीं सृष्टि निर्भय गुप्ता ने कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता शामिल हुए डा0 सौरभ शर्मा का परिचय दिया। तत्पश्चात डा0 सौरभ शर्मा ने अंगदान करने के उद्देश्य, आवश्यकता और तरीके की जानकारियां देने के साथ अंगदान को लेकर समाज में व्याप्त भ्रांतियों के विषय में भी बताया। डा0 सौरभ शर्मा ने कहा कि एक व्यक्ति अपने शरीर के अंगों को दान कर 50 लोगों को जीवन दे सकता है। अंगदान दो प्रकार से होता है,पहला जीवित अंगदान और दूसरा मृत्यु के बाद अंगदान। शरीर के अंगों के अंतर्गत यकृत, गुर्दे, अग्नाशय, हृदय, फेफड़े और आंत आदि का दान किया जाता है। जबकि शरीर के ऊतकों में कॉर्निया (आंख का भाग), हड्डी, त्वचा, हृदय वाल्व, रक्त वाहिकाएं, नस, कण्डरा और कुछ अन्य ऊतकों को भी दान किया जा सकता है। परंतु भारत में जितनी अंग दान की जरूरत है उतना किया नहीं जा रहा है। इसके लिये जागरूकता बढ़ाने और भ्रांतियों को दूर करने की आवश्यकता है।
क्लब अध्यक्ष श्रीमति शुभि बंसल, क्लब सचिव श्रीमति पियांशु अग्रवाल ने डा0 सौरभ शर्मा व उपस्थित जनों का आभार व्यक्त किया। सृष्टि निर्भय गुप्ता ने डा0 सौरभ शर्मा व आईआईएमटी आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एण्ड हॉस्पिटल के प्राचार्या डा0 सुजीत कुमार दलाई को पौधा व शॉल देकर सम्मानित किया। कार्यकारी सदस्य मानसी जैन ने इनर व्हील क्लब की ओर से आईआईएमटी प्रबंधन का आभार व्यक्त किया। आयोजन में कॉयर फिट मैट्रेस के निर्भय गुप्ता और आईआईएमटी विश्वविद्यालय के अमित बंसल का सहयोग रहा।
इनर व्हील क्लब की वर्कशॉप
