जैन मुनिश्री का मंगल प्रवेश, मेरठ के सदर जैन मंदिर से विहार करके आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज सेसंघ असौड़ा हाउस जैन मंदिर प्रातः 9:15 बजे भव्य मंगल प्रवेश हुआ। आचार्य श्री ने अशौडा हाउस में प्रवेश के समय कहा गेस्ट हाउस,रेस्ट हाउस,व्हाइट हाउस,कांजी हाउस नाम सुने है लेकिन अशौड़ा हाउस नही सुना । रसोड़ा भी सुना है रसोड़ा हाउस में भोजन बनता है उसे भोजनालय कहते है लेकिन अशौड़ा हाउस में मुझे लगता है की सोडे जैसे साफ करने वाले लोग रहते है । वे श्रद्धा भक्ति और विनय से संपन्न सहित होकर अपने मन को साफ करते रहते है आचार्य श्री ने कहा कि इन सब शब्दों के बाद में हाउस लगा है लेकिन पत्नी के पहले हाउस लगता है इसलिए उसे “हाउस वाइफ” कहते है । पत्नी को हाउस वाइफ की व्याख्या करते हुए आचार्य श्री ने कहा दूसरो के घर को हाउस कहते है अपने घर को होम कहते है । गेस्ट या रेस्ट हाऊस किसी व्यक्ति विशेष का नहीं होता उसमे अतिथि बाहर से आकर रखे जाते है वैसे ही घर के घर में शादी नही की जाती है बाहर से किसी नारी को लाकर पत्नी बनाकर शादी की जाती है । पत्नी का पहले से मकान नहीं होता। पत्नी बनाकर रखने के बाद ही उसे हाउस वाइफ कहते है । आचार्य श्री ने कोरोना के प्रभाव को लेकर कहा जमी बदल गई है, आसमान भी बदल गया है , जिंदगी भी बदल गई है, खान पान भी बदल गया है , एक छोटे से कोरोना के वायरस से इंसान क्या भगवान भी बदल गया है । उन्होंने कहा धन संपत्ति को कोई अगले भव में साथ नही ले जा सकता एक देश का पैसा कोई दूसरे देश में नही चला सकता यदि दूसरे देश में ले जाना चाहते हो तो एक्सचेंज करना होगा इस भव का पैसा अगले भव में ले जाना चाहते हो तो पुण्य में एक्सचेंज करना होगा । प्रवचन के उपरांत आचार्य श्री की आहार चर्या का सौभाग्य रमेश चंद परिवार एवं उमेश जैन परिवार को प्राप्त है। दोपहर 3:00 आचार्य श्री ने सामायिक के पश्चात शंका समाधान एवं प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम मंदिर परिसर में कराया। सांय कालीन 6:00 भव्य आरती हुई इसके पश्चात मंदिर प्रांगण में बच्चों की पाठशाला नित्य करने हेतु समिति गठित की गई। मंदिर परिसर में सुभाष विपिन कपिल मनोज अनुपम सुनील सर्राफ विनोद सुधीर विपुल गौरव राकेश रचित आभा सोनिया बबीता रीमा पूनम श्वेता सारिका आदि उपस्थित रहे।