जानलेवा जल्दबाजी से दे रहे मौत को न्यौता

जानलेवा जल्दबाजी से दे रहे मौत को न्यौता
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जानलेवा जल्दबाजी से दे रहे मौत को न्यौता

-एनएच-58 बाईपास पर करीब दर्जन स्थानाें पर हर पल खतरा

वाया मेरठ दिल्ली देहरादून बाइपास पर जानलेवा जल्दबाजी दिखाने वाले मौत को न्यौता दे रहे हैं। बाईपास की यदि बात की जाए तो करीब दर्जन भर ऐसे स्थान हैं या कहें कट हैं जहां लोग खुद तो मरने पर उतारू नजर आते ही हैं, साथ ही बाईपास से गुजरने वालों को भी हादसों का न्यौता दे रहे हैं। इनकी हरकत देखकर तो यह लगता है कि घर पर बोलकर आए हैं कि ना लौटे तो इंतजार नहीं करना, बल्कि पोस्टमार्टम हाउस पहुंच जाना, वहीं मिलेंगे।

इन स्थानों पर सबसे ज्यादा खतरा

अंसल कोर्ट यार्ड

बाईपास पर यदि खतरे वाले स्थानो को गिनने की यदि शुरूआत की जाए तो मोदीपुरम फ्लाई ओवर से परतापुर फ्लाई ओवर के बीच पहला खतरा अंसल कोर्ट यार्ड के सामने जहां से लोग बजाए पुल के नीचे या फिर लोहे के फुट ओवर ब्रिज का प्रयोग करने डिवाइडर फांदते देखे  सकते हैं। दरअसल इस स्थान पर आमने सामने कई कालोनियां हैं, जिनके बाशिंदे हर वक्त मौत को दावत देते देखे जा सकते हैं।

कैलाशी हॉस्पिटल

कंकरखेड़ा फ्लाई ओवर से चंद कदम की दूरी पर या कहें जहां फ्लाई ओवर खत्म होता है कैलाशी हास्पिटल के सामने लोहे के फुट ओवर ब्रिज के नीचे श्रद्धापुरी से कंकरखेड़ा एक ओर से दूसरी ओर जाने के लिए बजाए फ्लाई ओवर या फुट ओवर ब्रिज से होकर जाने के लोग एनएचएआई द्वारा बनाया गया डिवाइडर फांदते देखे जा सकते हैं। इनकी वजह से यहां दिन भर जाम लगा रहता है।

महमदपुर व दायमपुर

बाईपास के कंकरखेड़ा क्षेत्र में पड़ने वाले दायमपुर और मेहमदपुर के बीच पहले एक कट था। हादसों की आशंका के चलते उस कट को बंद कर दिया गया है। वहां पत्थरों के बड़े-बडे़ स्लीपर डाल दिए गए हैं, लेकिन आदत से लाचार लोग इसके बाद भी बाज नहीं आते। चंद कदम की दूरी पर बजाए फ्लाई ओवर से होकर आने के डिवाडर से दिन भर जंप मरते हुए देखे जा सकते हैं। खुद की जान को खतरे में डालकर दूसरे की जिंदगी से खिड़वाड़ पर उतारू रहते हैंञ

शराब ठेके वाला कट

कंकरखेड़ा क्षेत्र में जहां हाइवे पर शराब का ठेका है, हाइवे पर कट दिया गया है, लेकिन शराब का ठेका और शराब के ठेके के आसपास बनी नॉनवेज की दुकानों की वजह से यहां सुबह से लेकर रात दस बजे तक लोग मौत से मुकाबला देखे जा सकते हैं। दरअसल होता यह है कि शराब के ठेके के कारण यहां जाम लगा रहता है। जाम के दौरान बाइक व स्कूटी सवार बजाए इंतजार करने के डिवाइडर जंप करना शुरू कर देते हैं।

कट बंद फिर भी मुसीबत

रोहटा फ्लाई ओवर क्रास करने के बाद हाइवे पर कुछ आगे नॉनवेज की दुकानों की मंड़ी व पास ही देसी व अंग्रेजी शराब के ठेके हैं। मोदीपुरम से लेकर और परतापुर बाईपास तक की यदि बात की जाए तो सबसे ज्यादा मुसीबत व मौत को दावत देती यही जगह है। यहां केवल दिन में ही जाम नहीं लगता। नाॅन वेज की मंड़ी के चलते यहां लेट नाइट कई बार तो रात को दो-दो बजे भी जाम लग जाता है। यहां पहले एक ओर से दूसरी ओर जाने के लिए कट छोड़ा था, लेकिन वो कट जाम का कारण बना हुआ था। कट बंद करने के बाद जमा की समस्या बजाए खत्म होने के ज्यादा बढ़ गयी है। शायद ही कोई ऐसा दिन जाता हो जब यहां जाम न लगता है। जाम का कारण केवल नॉनवेज की मंड़ी व शराब के ठेके ही नहीं बल्कि इनसे ज्यादा जाम का कारण यहां डिवाइडर जंप करने वाले हैं। अक्सर यहां हादसे भी हो चुके हैं, लेकिन लगता है कि इससे जंप मारने वालों को कोई सरोकार नहीं रह गया है।

सुभारती के सामने 

बागपत रोड फ्लाई ओवर से आगे सुभारती के सामने भी लोग एक एक ओर से दूसरी ओर जाने के लिए बजाए फ्लाई ओवर या फिर फुट ओवर ब्रिज का प्रयाेग करने के डिवाइडर जंप करना अपना धर्म समझते हैं। पूरे हाइवे पर यह रास्ता सबसे ज्यादा खतरनाक है। दरअसल यहां आने के बाद तमाम वाहन बहुत ही स्पीड से निकलते हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि पंप मारने वालों ने ठान ली है कि  मौत का दावत देकर रहेंगे। पूरे बाईपास पर ऐसे करीब दर्जन भर स्थान हैं, जहां लोग मौत को दावत देते हुए रोड पर इस पर से उस पार जाते हैं।

कवायद पर पानी

ऐसा नहीं कि एनएचएआई इस प्रकार की हरकतों को लेकर अंजान है या गंभीर नहीं। पूरे बाईपास पर लोगों को डिवाइडर जंप करने से रोकने के लिए अवरोध लगाए गए हैं। तमाम डिवाइडर ऐसे हैं जहां अवरोध लगाए गए हैं ताकि लोग सलामत रहें, उनकी जिंदगी बची रहे। लेकिन लगता है कि डिवाइडर जंप करने वालों को ही अपनी जिंदगी से कोई मोह नहीं रह गया है। जहां तक अवरोध लगा दिए जाते हैं, डिवाइडर जंप करने वाले उससे आगे की जगह से जंप करना शुरू कर देते हैं।

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